
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन पर शनिवार को चेन्नई में बड़ी बैठक बुलाई है. आगामी संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और पंजाब के भगवंत मान के शामिल होने की उम्मीद है. कर्नाटक का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार करेंगे, जबकि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और ओडिशा के नवीन पटनायक अपने पार्टी प्रतिनिधि को भेजेंगे.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ-साथ राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. सांसद कनिमोझी, मंत्री केएन नेहरू और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा सहित तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के एक प्रतिनिधिमंडल ने पहले 13 मार्च को दिल्ली में रेड्डी से मुलाकात कर निमंत्रण दिया था.
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हालांकि बैठक में टीएमसी के प्रतिनिधि हिस्सा नहीं लेगे. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के एक सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा चेन्नई में 22 मार्च को परिसीमन पर राज्यों की बैठक के लिए तृणमूल कांग्रेस कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगी.
परिसीमन पर बैठक में शामिल नहीं होगी टीएमसी
सूत्र ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को लगता है कि डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या का मुद्दा वर्तमान में अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों पर असर पड़ सकता है.
बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं, जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चुनाव 2026 में होने हैं.
परिसीमन पर होने वाली बैठक को स्टालिन ने बताया ऐतिहासिक
दूसरी ओर, स्टालिन ने आगामी संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की बैठक को भारतीय संघवाद के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और 22 मार्च को चेन्नई में इस विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कई राज्यों के नेताओं का स्वागत किया.
A historic day for Indian federalism!
I extend my warmest welcome to the leaders from Kerala, Karnataka, Andhra Pradesh, Telangana, Odisha, West Bengal & Punjab who are joining us for the Joint Action Committee meeting on #FairDelimitation.
The All-Party Meeting on March 5 was pic.twitter.com/Wra2NmccIA
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 21, 2025
एक्स पर एक पोस्ट में, स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि तमिलनाडु की पहल के रूप में जो शुरू हुआ वह अब निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है, जिसमें राज्य संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के अनुचित आवंटन के विरोध में एकजुट हो रहे हैं.
5 मार्च को तमिलनाडु की सर्वदलीय बैठक पर प्रकाश डालते हुए, स्टालिन ने कहा कि 58 पंजीकृत राजनीतिक दल निष्पक्ष परिसीमन प्रक्रिया की मांग करने के लिए एक साथ आए.
चेन्नई की सभा को विपक्षी दलों द्वारा भाजपा के खिलाफ ताकत दिखाने के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि संसदीय सीट आवंटन में संभावित बदलावों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. परिसीमन के मुद्दे ने आशंकाओं को जन्म दिया है, खासकर दक्षिणी राज्यों में, जिन्हें जनसंख्या आधारित सीट पुनर्वितरण के कारण उत्तरी राज्यों के पक्ष में राजनीतिक प्रतिनिधित्व के नुकसान का डर है.
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