
रामलला का सूर्य तिलक
भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से रामलला के जन्मोत्सव का सफल आयोजन किया गया. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को इसको लेकर सभी का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने इस दौरान मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में भी बताया. साथ ही रामलला के मंदिर के परकोटे और मुख्य मंदिर में राम दरबार की मूर्ति की स्थापना को लेकर भी जानकारी साझा की है.
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि परकोटे के 6 मंदिर की स्थापना के साथ शेषावतार मंदिर लक्ष्मण जी के मंदिर की स्थापना और अगस्त ऋषि निषाद राज अहिल्या शबरी की मूर्तियां लगभग बन चुकी है. उन्होंने कहा कि मूर्तियों में सिंगार का कार्य आखिरी चरण पर है. 15 अप्रैल के बाद इन मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या लाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. चंपत राय ने बताया कि रामलाल के सूर्य तिलक का विचार पीएम मोदी का था.
कल 18 प्रतिमाएं जयपुर से लाई जाएगी अयोध्या
चंपत राय ने कहा कि परकोटे और मुख्य मंदिर के राम दरबार की मूर्तियां सफेद मकराना मार्बल की होगी. उन्होंने यह भी बताया कि कल 18 प्रतिमाएं जयपुर से अयोध्या लाई जाएगी, जो 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर मंदिरों में स्थापित की जाएगी. जून माह में सभी ट्रस्टों की मौजूदगी में तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा जिसमें मुख्य मंदिर के राम दरबार की मूर्तियों के साथ परकोटे के सप्त मंदिरों की मूर्तियों को प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा.
‘रामलाल के सूर्य तिलक का विचार PM का था’
मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि अप्रैल तक मंदिर निर्माण कार्य में लगी तीन टावर क्रेन का कार्य पूरा हो जाएगा और यह हटाकर परकोटा के निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा. क्योंकि टावर क्रेन से परकोटे के निर्माण का कार्य बाधित हो रहा था. वहीं, उन्होंने बताया कि रामनवमी के मौके पर भगवान सूर्य के किरण से रामलाल के तिलक के परिकल्पना प्रधानमंत्री की थी. पीएम मोदी ने 3 साल पहले इस पर अपने विचार व्यक्त किए थे. जिस पर वैज्ञानिकों ने काम करते हुए स्थाई तौर पर सूर्य तिलक की व्यवस्था की है.
राम मंदिर के मुख्य चार द्वार बनाए जाएंगे
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में शिखर का पूजन हो चुका है जिस पर लगाए जाने वाले ध्वज दंड भी मंदिर में आ गए हैं. बहुत ही मजबूत और खूबसूरत ध्वज दंड है इनका भी सामूहिक पूजन करने के बाद ही शिखर पर स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही राम मंदिर के मुख्य चार द्वार बनाए जाएंगे. हिंदू धर्म के चारों परंपराओं के नाम पर द्वार होगा जिसमें महापुरुषों के नाम से इस द्वार को जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर में तीन और मूर्तियां लगाई जाएगी, जहां पर राम भक्त उसके साथ तस्वीर ले सके.
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