• Wed. Jan 8th, 2025

Surya Dev Janm Katha: भगवान सूर्य ने देवताओं को वापस दिलाया था स्वर्ग, पढ़ें उनके जन्म की कथा

ByCreator

Jan 8, 2025    150818 views     Online Now 340

Surya Dev Ki Janm Katha: ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है. यही नहीं वो पंच देवों में से एक माने गए हैं. भगवान सूर्य को रविवार का दिन समर्पित किया गया है. वैसै रोजाना ही भगवान सूर्य को अर्ध्य देने का विधान है. भगवान सूर्य आत्मविश्वास और उर्जा के कारक माने गए हैं. वहीं भगवान सूर्य का जन्म तरह हुआ, इसका वर्णन ब्रह्म पुराण में मिलता है.

ब्रह्म पुराण के अनुसार…

ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि पहले सृष्टि मेंं कोई उजाला नहीं था. उजाला न होने की वजह से पहले दिन और रात में कोई अंतर पता नहीं चलता था. एक बार देवता और असुरों में युद्ध छिड़ गया. असुरों ने युद्ध में देवताओं को पराजित कर दिया. इसके बाद देवताओं से स्वर्ग छिन गया. फिर देवता अपनी मता अदिति के पास गए और उनसे सहायता के लिए आग्रह किया.

देवताओं की माता ने भगवान सूर्य की अराधना

इसके बाद देवताओं की माता ने भगवान सूर्य की अराधना की. अदिति ने भगवान सूर्य से उनके पुत्र के रूप में जन्म लेने का वरदान मांगा, जिसके बाद भगवान सूर्य की कृपा से एक किरण जिसका नाम सुषुम्ना था, उसने अदिति के गर्भ के भीतर प्रवेश किया. फिर अदिति गर्भावस्था में ही रोज सूर्य देव का कठिन व्रत करने लगीं.

ये भी पढ़ें

भगवान सूर्य के प्रकट होने से संसार में उजाला

एक दिन उनके पति ऋषि कश्यप ने उनसे कहा कि रोजाना इस कठीन व्रत के कारण उनके गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है. तब अदिति ने अपने योग के बल के दम पर अंड रूप में गर्भ को बाहर निकाल दिया. अदिति ने अंड रूप में जो गर्भ निकाला उससे एक दिव्य प्रकाश हुआ. फिर उस गर्भ से भगवान सूर्य के शिशु रूप में प्रकट होने से सारा संसार रौशनी से जगमगा उठा.

See also  आग लगी या लगाई गई ! क्राइम ब्रांच थाने में लगी आग, भू-माफिया दीपक मद्दा सहित कई गंभीर मामलों की फाइलें जलकर राख  

भगवान सूर्य की तेज रौशनी से डरे असुर

भगवान सूर्य की तेज रौशनी से असुर डरकर स्वर्ग छोड़कर भाग गए. देवताओं को इसके बाद स्वर्ग वापस मिल गया. मान्यता है कि उसी दिन से भगवान सूर्य अंडज रूप में आसमान में दिखाई देने लगे. दरअसल, भगवान सूर्य ने माघ महीने की सप्तमी तिथि को जन्म लिया था. हिंदू धर्म में भगवान सूर्य के जन्म के दिन को रथ सप्तमी के रूप में मनाने की मान्यता है.

ये भी पढ़ें:Vaikuntha Ekadashi 2025: वैकुंठ एकादशी का व्रत क्यों खास है? इन 7 बातों से जानें इसका महत्व

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL