
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी संबंधी एक वीडियो साझा करने वाली सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति को सोमवार को 14 जुलाई तक दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथन ने वजाहत खान (शर्मिष्ठा पनोली के मामले में शिकायतकर्ता) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जो अपने पुराने सोशल मीडिया पोस्ट में कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर कई राज्यों में शिकायतों और एफआईआर का सामना कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि नफरत भरे भाषणों से हमें कोई फायदा नहीं होता.
न्यायमूर्ति विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ वजाहत खान की उस याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से ठेस पहुंचाने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी.
वजाहत खान की याचिका पर सुनवाई
न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने वजाहत खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. वजाहत खान के खिलाफ पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों में प्राथमिकी दर्ज हैं. पीठ ने कहा कि खान को पश्चिम बंगाल पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है और वह हिरासत में है.
कई राज्यों में शिकायतें दर्ज
वजाहत खान के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले पुराने पोस्ट को लेकर कई राज्यों में प्राथमिकी और शिकायतें दर्ज की गई हैं. पीठ द्वारा याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताए जाने के बाद वजाहत खान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि अगली तारीख तक उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई और दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया जाए.
14 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख
पीठ ने कहा कि अनुरोध पर विचार करने के बाद हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कहा कि 14 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तक, प्राथमिकी या शिकायतों या इसी तरह के आरोपों के संबंध में उसके (खान के) खिलाफ संभावित प्राथमिकी या शिकायतों के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
कोलकाता पुलिस ने नौ जून को किया गिरफ्तार
वजाहत खान को कोलकाता पुलिस ने नौ जून को गिरफ्तार किया था. खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करके आरोप लगाया था कि उसके द्वारा किए गए कुछ पुराने पोस्ट को लेकर असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और हरियाणा सहित कई राज्यों में प्राथमिकी और शिकायतें दर्ज की गई हैं. उसने दलील दी कि ये प्राथमिकी उनके द्वारा पनोली के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत के प्रतिशोध में दर्ज की गई हैं. खान की शिकायत पर पनोली को गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति
खान ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के कई निर्णयों और आदेशों का हवाला दिया, जिनमें एक राज्य में विभिन्न स्थानों पर दर्ज प्राथमिकी या विभिन्न राज्यों में दर्ज एक से अधिक प्राथमिकी को एकीकृत करने के आदेश पारित किए गए थे. पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए केंद्र और पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा राज्यों को नोटिस जारी किए. मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी.
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