
सुप्रीम कोर्ट
देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने बुधवार को कहा कि न्यायपालिका, सरकार के अन्य अंगों के इतर, अद्वितीय है क्योंकि यह सीधे आम लोगों से जुड़ी हुई है. उन्हें सरकार और कानून के खिलाफ भी शिकायतें दर्ज कराने का सुलभ रास्ता मुहैया करती है. वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के वकीलों के हड़ताल के बीच जस्टिस अभय एस ओका ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने भी नागरिकों को चेतावनी दी थी कि आजाद भारत में विरोध के असंवैधानिक तरीकों पर पूरी तरह से पाबंदी है.
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) की ओर से आयोजित भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खन्ना ने कहा, “दूसरी चीज जो मेरे दिमाग में आई, वह यही है कि न्यायपालिका को क्या चीज खास बनाती है. विधायकों को जनता द्वारा चुना जाता है और वे जनता के प्रतिनिधि होते हैं. वे मुट्ठी भर लोग हैं. जबकि कार्यपालिका, राजनीतिक कार्यपालिका संसदीय लोकतंत्र में आती है और उसकी, संसद या विधायिका के प्रति जवाबदेही होती है.”
लोगों से सीधा जुड़ाव ही हमारी खासियतः CJI खन्ना
सीजेआई खन्ना ने कहा, “न्यायपालिका को जो चीज सबसे अलग बनाती है, वह है लोगों से हमारा सीधा जुड़ाव… लोगों के लिए सबसे आसान पहुंच तीनों संस्थाओं में से किसी एक में है तो वह है न्यायपालिका तक.” संविधान के 75 साल पूरे होने पर SCAORA कार्यक्रम का आयोजन भारत मंडपम में किया गया था.
न्यायपालिका का महत्व बताते हुए सीजेआई ने कहा कि यह न्यायपालिका ही है, जहां कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है और मामले में स्पष्टीकरण मांग सकता है, यहां तक कोई भी सरकार के खिलाफ और कानून की संवैधानिक शक्तियों को चुनौती देते हुए अदालतों का दरवाजा खटखटा सकता है.
वकील कोर्ट का बहिष्कार करेंगे तो मामले अटकेंगेः जस्टिस ओका
संविधान के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में SCAORA में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अभय एस ओका ने कहा कि बाबा साहेब डॉक्टर अंबेडकर ने नागरिकों को चेतावनी दी थी कि आजाद भारत में विरोध के लिए असंवैधानिक तरीकों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक है. अगर आज हाईकोर्ट में वकालत करने वाले वकील कुछ अत्यधिक असंवैधानिक तरीकों का सहारा ले रहे हैं, तो क्या हम वादियों के प्रति बहुत बड़ा पूर्वाग्रह पैदा नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, “अगर वकील कोर्ट की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं तो हजारों मामले प्रभावित होंगे.” जस्टिस अभय एस ओका की ये टिप्पणियां इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकीलों की चल रही हड़ताल के बीच आई हैं.
इस कार्यक्रम को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अभयएस ओका ने भी संबोधित किया. इस मौके पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद रहे.
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