
डायबिटीज और मूड स्विंग्सImage Credit source: Getty Images
Sudden Anger and Mood Swings: अगर आप अक्सर बिना किसी खास कारण के गुस्सा महसूस करते हैं, तो यह सिर्फ एक व्यवहारिक समस्या नहीं बल्कि आपके शरीर के अंदर हो रहे ब्लड शुगर उतार-चढ़ाव का संकेत भी हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी डाइट और जीवनशैली पर ध्यान दें और जरूरत हो तो डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से सलाह लें. सही खानपान और नियमित दिनचर्या न सिर्फ आपके मूड को बेहतर बनाएगी, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी संतुलित रखेगी.
ब्लड शुगर यानी शरीर में मौजूद ग्लूकोज का स्तर, दिमाग को सही से काम करने और मूड को संतुलित बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है. जब ब्लड शुगर सामान्य रहता है तो दिमाग को ऊर्जा मिलती रहती है, जिससे इंसान का मूड बैलेंस्ड रहता है. लेकिन जब अचानक शुगर लेवल गिरता है (जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं) तो दिमाग को जरूरी ऊर्जा नहीं मिलती, जिससे गुस्सा, चिड़चिड़ापन, घबराहट या यहां तक कि भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है.
कम ब्लड शुगर क्यों बनता है गुस्से का कारण?
जब शरीर में शुगर की मात्रा अचानक कम हो जाती है, तो यह एक अलार्म की तरह काम करता है. शरीर तनाव की स्थिति में चला जाता है और फाइट-ऑर-फ्लाइट मोड एक्टिव हो जाता है. इस स्थिति में शरीर एड्रेनालिन और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन रिलीज करता है, जिससे दिल की धड़कन तेज होती है, बेचैनी और गुस्सा बढ़ता है. यही कारण है कि बहुत से लोग भूखे होने पर गुस्से में आ जाते हैं इसे आजकल ‘हैंगरी’ (hungry + angry) भी कहा जाने लगा है.
हाइपरग्लाइसीमिया में भी आ सकता है गुस्सा
केवल कम ब्लड शुगर ही नहीं, बल्कि बहुत अधिक ब्लड शुगर (हाइपरग्लाइसीमिया) भी मूड पर असर डालता है. जब शरीर लंबे समय तक अधिक शुगर के संपर्क में रहता है, तो यह दिमाग की न्यूरोकेमिस्ट्री को प्रभावित कर सकता है. इससे थकान, फोकस में कमी और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है.
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
डायबिटीज़ के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल का उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है, इसलिए उनके मूड में अचानक बदलाव होना सामान्य बात हो सकती है. इसके अलावा जो लोग अनियमित खानपान करते हैं, बहुत देर तक भूखे रहते हैं या अत्यधिक मीठा खाते हैं उन्हें भी यह समस्या हो सकती है.
कैसे रखें ब्लड शुगर और मूड को कंट्रोल में?
- दिन भर में छोटे-छोटे अंतराल पर संतुलित भोजन करें.
- प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स को आहार में शामिल करें.
- अधिक प्रोसेस्ड फूड और शुगर से बचें.
- नियमित व्यायाम करें, ताकि शरीर का इंसुलिन बेहतर तरीके से काम करे.
- पर्याप्त नींद लें और तनाव प्रबंधन पर ध्यान दें.
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