
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
SGB Scheme: गोल्ड इंपोर्ट को कम करने के लिए सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम शुरू की थी, जिसमें आप फिजिकल गोल्ड ना खरीद कर वर्चुअली इंवेस्टमेंट कर सकते हैं. इस स्कीम को सरकार ने 2015 में शुरू किया था जिसमें गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते थे, जिनको खरीद कर आम लोग निवेश किया करते थे, इसके बदले में सरकार की ओर से रिटर्न के तौर पर ब्याज दी जाती थी.
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने संसद में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना की कामयाबी और इसके भविष्य से जुड़े सवालों के जवाब दिए. मंत्रालय ने बताया कि यह योजना 2015 में शुरू हुई थी और तब से अब तक काफी सफल रही है. इसके अलावा मंत्रालय ने यह भी समझाया कि मौजूदा वैश्विक हालात और भू-राजनीतिक तनावों का SGB की नई किस्तों (ट्रेंच) के इश्यू पर क्या असर पड़ा है.
SGB की आखिरी किस्त कब जारी हुई?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में आखिरी बार सरकार की ओर से SGB 2023-24 सीरीज IV फरवरी 2024 में पेश की गई थी. इसके बाद से अभी तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कोई सीरीज पेश नहीं की गई है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इसके संदर्भ में राज्यसभा सांसद रजनी अशोक राव पाटिल ने सरकार से पूछा. क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना असफल रही है? अगर नहीं, तो सरकार अगली किस्त कब जारी करेगी? इसके ऊपर राज्यसभा में सांसद पंकज चौधरी ने लिखित जवाब दिया.
क्या SGB योजना फेल हुई है?
सरकार ने कहा, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2015 में शुरू हुई थी ताकि सोने की भौतिक मांग को कम किया जा सके. 31 मार्च 2025 तक इस योजना के तहत करीब 146.96 टन सोने के बराबर बॉन्ड बेचे गए हैं, जिनकी कीमत करीब 72,275 करोड़ रुपए है. इसमें से 15 जून 2025 तक करीब 18.81 टन के बॉन्ड रिडीम (भुनाए) भी हो चुके हैं. यानी यह योजना सफल रही है.
अगली किस्त कब आएगी?
सरकार ने कहा, भारत सरकार अपनी फंडिंग जरूरतें सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे कई माध्यमों से पूरी करती है. किस माध्यम से फंड जुटाना है, इसका फैसला लागत और परिस्थिति देखकर लिया जाता है. हाल के वैश्विक तनावों की वजह से सोने के दाम काफी बढ़ गए हैं, जिससे SGB के जरिए लोन लेना महंगा हो गया है. सरकार की कोशिश है कि कर्ज की लागत कम से कम रहे. इसलिए नई SGB किस्त जारी करने से पहले हालात पर अच्छी तरह विचार किया जाएगा.
नई SGB किस्त कब जारी होगी?
फिलहाल सरकार ने अगली किस्त की कोई तारीख तय नहीं की है. सरकार ने संसद में कहा है कि नई किस्त का फैसला बाजार के हालात, सोने की कीमतों और कर्ज की लागत पर निर्भर करेगा.
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