मुख्यमंत्री मोहन यादव. (फाइल फोटो)
मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को रचनात्मक स्वरूप प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. समत्व भवन, मुख्यमंत्री निवास में हुई इस बैठक में सीएम ने कहा कि कन्या विवाह योजना में सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के लिए शासन की ओर से मिलने वाले आर्थिक लाभ को सार्थक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ऐसे आयोजनों में संपन्न और सक्षम लोगों से भी सहयोग लेने की बात कही. साथ ही इन आयोजनों में कुरीतियों के खिलाफ जरूरी संदेश भी देने की बात कही. सीएम ने कहा कि विवाह में बेवजह खर्च नहीं होने चाहिए. सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए कार्यक्रमों को अधिक से अधिक रचनात्मक बनाया जाना चाहिए. समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
सीएम ने निजी संस्थाओं की तारीफ की
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि कुछ जगहों पर कई संस्थाएं दिव्यांग सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही हैं. इससे दूसरे सामाजिक संस्थानों को भी प्रेरणा मिल रही है. उन्होंने इस संदर्भ में कुछ उदाहरण भी दिए. उन्होंने कहा कि उज्जैन में टॉवर चौराहा के पास दिव्यांगजन को फिजियोथेरेपी का लाभ दिलवाने के लिए डॉ. सारस्वत द्वारा अच्छा सहयोग किया जा रहा है.
इसी तरह नेत्रहीनों और बुजुर्गों को विशेष चश्मा देने का भी अनेक नगरों में प्रेरक कार्य किया जा रहा है. कम राशि में आधुनिक तकनीक के उपयोग से ये उत्तम श्रेणी के चश्मे हैं.
कल्याणी योजना के लिए प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समीक्षा बैठक में कई पेंशन स्कीम्स और सोशल वेलफेयर की योजनाओं के क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी प्रयास किए जाने चाहिए. कल्याणी योजना के लिए शासन की ओर से 2 लाख की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है. इस योजना का प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके.
दिव्यांगजनों को सहायता का निर्देश
सीएम ने कहा कि पिछले साल 13 करोड़ से अधिक की राशि इस मद में खर्च की गई है. प्रदेश में इस साल 675 विधवा विवाह कराए गए हैं. मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों को व्हीलचेयर के रूप में काम करने वाली एक लाख रुपए की विशेष साइकिल अधिक से अधिक पात्र लोगों को दिलवाने के निर्देश दिए. इसी तरह दिव्यांगजनों को जयपुर पैर की उपलब्धता बढ़ाने और जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए.
बैठक में विवाह कार्यक्रम पर कम खर्च, मृत्यु भोज पर अंकुश और नशे के विरुद्ध अभियान चलाने के संबंध में भी चर्चा की गई. वहीं मुख्यमंत्री ने उज्जैन में दिव्यांग जन के लिए सुधीर गोयनका द्वारा करीब 300 नागरिकों की सहायता के लिए संचालित केंद्र का उदाहरण भी दिया.
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