
थिएटर में रिलीज हो चुकी है श्रद्धा कपूर की ‘स्त्री 2’Image Credit source: सोशल मीडिया
स्त्री को मिली सफलता के 6 साल बाद श्रद्धा कपूर, राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी ‘स्त्री 2’ के साथ लौट आए हैं. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचा रही है. सिर्फ दर्शक ही नहीं फिल्म क्रिटिक को भी ये फिल्म खूब पसंद आ रही है. टीवी9 हिंदी डिजिटल के प्लेटफार्म पर हमने भी इस फिल्म को रिव्यू किया है. ये रिव्यू आप यहां पढ़ सकते हैं. इस रिव्यू में हमने फिल्म देखने की वजह भी बताई हैं. लेकिन फिर भी आपको ये फिल्म नहीं देखनी है और आप इसे न देखने का बहाना ढूंढ रहे हैं तो खास आपके लिए श्रद्धा कपूर की ये फिल्म न देखने की 5 वजहें.
1. हॉरर-कॉमेडी की खिचड़ी
अगर आप सिर्फ हॉरर या फिर सिर्फ कॉमेडी फिल्मों के फैन हैं, तो स्त्री 2 आपके लिए नहीं है. हॉरर फिल्म के फैन्स को सिरकटा देखकर डर नहीं लगेगा न ही स्त्री को वो सीरियसली लेंगे और कॉमेडी देखने वालों को ‘कॉमेडी में भूतों की ट्रेजेडी’ बिलकुल भी पसंद नहीं आएगी. वो नहीं चाहेंगे कि थिएटर में पॉपकॉर्न खाते हुए अचानक स्क्रीन पर सिरकटा आ जाए और उनके हाथों से पॉपकॉर्न उछलकर सामने वाले के सीट पर जा गिरे. तो इसलिए अगर आपको हॉरर और कॉमेडी की खिचड़ी पसंद नहीं है, तो आप इससे दूर रह सकते हैं.
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2. लॉजिक की कमी
अगर आपको भी सीआईडी के एसीपी प्रद्युमन की तरह हर चीज में कारण ढूंढ़ने का शौक है, तो आप इस फिल्म में भी लॉजिक ढूंढने जाओगे और फिर ढूंढते ही रह जाओगे. कई जगह पर, जब बात सिरकटे की आती है, तब आप लॉजिकली कहानी से कनेक्ट नहीं कर पाते. `जैसे कि सिरकटे का सिर उठाने की लड़की की बेवकूफी, अरे भाई वो कोई राह चलते आया हुआ फुटबॉल थोड़ी ही है, जो आप उठा लोगे, रात को सुनसान समय पर अगर आपकी तरफ किसी का सिर आ जाए तो क्या आप उसे उठाओगे? रात को ही नहीं ऐसी बेवकूफी तो हम दिन में भी नहीं करेंगे. यानी लॉजिक चाहिए तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है.
3. मिसिंग है कहानी की बैक स्टोरी
स्त्री 2 ऑडियंस का खूब मनोरंजन तो करती है, लेकिन इस कहानी में कई जगह बैक स्टोरी मिसिंग है. जैसे की चंदेरी पुराण में ये तो बताया गया है कि स्त्री के जाने के बाद सिरकटा आएगा, लेकिन वो क्यों आया ये बताया ही नहीं गया है. उसकी कहानी सिर्फ 2 मिनट में ही खत्म की गई है और वो सुनने के बाद भी इस बात का पता नहीं चलता कि ये सिरकटा दानव कैसे बना? उसकी मौत कैसे हुई?
4. फर्स्ट हाफ में श्रद्धा कपूर की लेट एंट्री
असल मुद्दे की बात करने से पहले ये फिल्म लंबे समय तक माहौल सेट करने की कोशिश में जुट जाती है और इस चक्कर में फिल्म में श्रद्धा की एंट्री थोड़ी लेट हुई है. फर्स्ट हाफ में बाकी एक्टर्स के मुकाबले उनका स्क्रीन स्पेस बहुत कम है.
5. कैमियो का ओवरडोज
फिल्म में भले ही तमन्ना भाटिया, अक्षय कुमार और वरुण धवन के कैमियो के पीछे एक लॉजिकल कारण दिया गया है. लेकिन उनके बिना भी फिल्म सही जा रही थी. अगर भेड़िया स्त्री की मदद के लिए नहीं आता तो क्या स्त्री और विकी खुद की मदद नहीं कर पाते? क्या स्त्री इतनी कमजोर है? अक्षय कुमार की एंट्री के बिना भी फिल्म सही जा रही थी. इन दोनों एंट्री की वजह से स्त्री 2 के किरदार थोड़े कमजोर लगते हैं.
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