
संजय राउत की किताब के विमोचन के अवसर पर शरद पवार, उद्धव ठाकरे, जावेद अख्तर सहित अन्य.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि विपक्ष के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसमें संशोधन की जरूरत है. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की पुस्तक ‘हेवन इन हेल’ के मुंबई में विमोचन के अवसर पर सांसद शरद पवार ने कहा कि अपनी पुस्तक में राउत ने जेल की अपनी यादों का विस्तार से वर्णन किया है तथा बताया है कि किस प्रकार सरकार ने बदले की भावना से कार्रवाई की.
उन्होंने कहा कि इस कानून के प्रावधान से सत्तारूढ़ पार्टी को किसी को भी सत्ता से बेदखल करने की शक्ति मिल गई है. इसलिए इसे ठीक करना जरूरी है.
शरद पवार ने कहा कि सरकार आती-जाती रहती है. चुनाव जीते या हारे जाते हैं, लेकिन न्यायपालिका को लोगों के सामने आदर्शवादी होना चाहिए. यदि यह प्रणाली ईडी जैसे लोगों को दी गई शक्तियों के कारण निर्णय लेने को सीमित कर रही है, तो हम सभी परिवर्तन की आवश्यकता के प्रति आश्वस्त हैं.
पीएमएलए का विपक्ष के खिलाफ हो रहा गलत इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि संजय राउत ने हेवन इन हेल नामक पुस्तक लिखकर बहुत अच्छा काम किया है. सत्ता का लगातार दुरुपयोग किया जाता है. हमने शासकों को इसका दुरुपयोग करने का अवसर दिया. शरद पवार ने उम्मीद जताई कि हमें इससे मुक्ति पाने के लिए काम करने के बारे में सोचना होगा.
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद, अगर महाराष्ट्र और देश के लोगों को देश को बदलना है, तो ईडी एक्ट का उपयोग करके किसी को बर्बाद करने के लिए राजनीतिक दलों को दिए गए अधिकार को बदलना होगा. अगर सत्ता परिवर्तन होता है तो सबसे पहली बात जो करनी होगी वह यह है. इसके लिए जो करना आवश्यक है, वह किया जाना आवश्यक है. पवार ने यह भी कहा कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि संजय राउत की पुस्तक में दो शासन व्यवस्थाओं का उल्लेख है. एक शासन एनडीए युग का है और दूसरा यूपीए युग का है. इसमें यह भी जानकारी है कि ईडी ने किन पक्षों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं.
उन्होंने कहा कि एनडीए काल में 21 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. यूपीए काल में 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया. एनडीए के दौर में कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना, डीएमके, बीजू जनता दल, आरजेडी, बीएसपी, एसपी, टीडीपी, आप, मार्क्सवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एमएनएस, एआईएडीएमके, टीआरएस जैसी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ जांच की गई और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए. शरद पवार ने कहा कि इसका खामियाजा कई लोगों को भुगतना पड़ा.
शरद पवार ने पीएमएलए का किया था विरोध, बताई इसकी वजह
उन्होंने एक पुरानी बात कही और उन्होंने विस्तार से बताया कि उन्होंने पीएमएलए अधिनियम के प्रावधान का विरोध क्यों किया? शरद पवार ने याद करते हुए कहा, “मुझे याद है कि उस समय मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री था. उस समय पी चिदंबरम मेरे सहयोगी थे. चिदंबरम ने कानून में संशोधन की आवश्यकता के बारे में मंत्रिमंडल के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया था.
उन्होंने कहा किउस प्रस्ताव को पढ़ने के बाद मैंने डॉ मनमोहन सिंह से कहा कि यह प्रस्ताव बहुत खतरनाक है. मैंने यह रुख अपनाया था कि इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस कानून में यह साबित करने का प्रावधान किया गया है कि आरोपी ने कोई अपराध नहीं किया है, वह अपराधी नहीं है. मैंने इसका स्पष्ट विरोध किया था. मैंने कहा था कि अगर कल को सरकार बदल गई तो हमें भी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया. सरकार बदल गईऔर चिदंबरम के खिलाफ पहली कठिन कार्रवाई की गई. उन्हें गिरफ्तार किया गया. वहां सत्ता का दुरुपयोग हुआ.
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