नितिन नामदेव, रायपुर. शादी के बाद पति की हत्या की घटनाओं पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने चिंता जताई और समाज को आत्ममंथन करने की सलाह दी है. रावणभाटा स्थित सुदर्शन संस्थानम शंकराचार्य आश्रम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि आजकल जिन पर फिदा होकर लोग शादी करते हैं, वही महिलाएं अपने पति को मरवा दे रही है. फिर सवाल उठता है कि जिनसे दूसरा विवाह किया, उसकी हत्या नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है? पहले प्रेम होता है, फिर विवाह और उसके बाद हत्या. यह प्रेम नहीं, आत्मिक पतन है. जब कोई महिला अपने पति को मरवाकर दूसरी शादी करती है, तो क्या भरोसा है कि वह अपने दूसरे पति के साथ ऐसा नहीं करेगी?’

हिंदी बोलने में शर्म क्यों?
महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विरोध पर सवाल उठाते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा- महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों के लोग जब दिल्ली आते हैं तो हिंदी में ही बात करते हैं. तो फिर अपने राज्य में हिंदी का विरोध क्यों? देश के चारों-पांचों प्रांतों की भाषाएं अलग-अलग हैं. कई लोग अंग्रेजी नहीं बोल पाते और हिंदी बोलने में शर्म महसूस करते हैं, यह गलत है. हिंदी बोलना जरूरी है. क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान सबको है, लेकिन हिंदी का अनादर करना उचित नहीं है.


गौहत्या ना हो, उनका पालन हो इसलिए गाय दे रही सरकार
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को गाय देने की योजना पर पूरी शंकराचार्य ने कहा, आदिवासी एक भ्रामक शब्द है. वशिष्ठ आदिवासी नहीं थे क्या.? गौहत्या ना हो उनका पालन हो इसलिए गाय दे रहे हैं. गाय को लेकर दक्षिण भारत में सन् 1970-71 में पैदल घूमा हूं. उन्होंने कहा, ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां गाय की पहचान नहीं है. आदिवासियों को गाय देने का तात्पर्य गाय की रक्षा करना है. गौवंश का पालन करें.