
क्यों दोहराते हैं सलमान खान ये गलतियां?
गलतियां उन्हीं से होतीं जो काम करते हैं…लेकिन सवाल ये है कि जिन गलतियों से सीख या सबक ना लिया जाए तो फिर क्या किया जाए? सुपरस्टार Salman Khan भी फिलहाल कुछ ऐसा ही करते हुए नजर आ रहे हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि फिल्मों के लिए बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन करना हो या फिर दिन रात शूटिंग करनी हो…सलमान खान इन मामलों में हमेशा आगे रहते हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे उनकी उन 5 गलतियों की, जिनसे सीख लेना उनके लिए बेहद जरूरी है. ‘सिकंदर’ के फ्लॉप होने के बाद भी अगर भाईजान कुछ नहीं सीखे, तो उनका फौजी बनकर जंग लड़ना भी ज़ाया हो सकता है. Battle Of Galwan Release से सलमान को जो उम्मीदें हैं वो धरी की धरी ही रह जाएंगी.
‘टाइगर 3’ और ‘सिकंदर’ दोनों से ही सलमान को 1000-1000 करोड़ की उम्मीद थी. पहले तो YRF स्पाई यूनिवर्स की ‘टाइगर 3’ पर बड़ा दाव खेला गया था. फिल्म में शाहरुख खान का कैमियो भी एड किया गया था. लेकिन सलमान-शाहरुख की जोड़ी भी कमाल नहीं दिखा पाई. करोड़ों के कमाने के बाद भी ये पिक्चर 1000 करोड़ की लिस्ट में शामिल नहीं हो पाई. फिर क्या था भाईजान ने एक साल का ब्रेक लिया और ‘सिकंदर’ पर जमकर मेहनत करने का फैसला किया. लेकिन सालभर की मेहनत भी काम नहीं आई, ‘सिकंदर’ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह जा गिरी. ऐसे में अब ‘बैटल ऑफ गलवान’ पर सुपरस्टार ने बड़ा दाव खेला है. लेकिन इस फिल्म के उन्हें अपनी पिछली गलतियों पर काम करने की जरूरत है. चलिए जानते हैं कि सलमान बार-बार कौन-सी 5 गलतियों को दोहराते हैं.
इमोशमल कहानी को इग्नोर करना
90 के दशक से लेकर आज तक सलमान खान की फैमली ड्रामा, रोमांस और इमोशनल कहानी वाली फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़े हैं. उनकी पुरानी फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’, ‘हम साथ-साथ हैं’, ‘सनम बेवफा’, ‘साजन’ और ‘हम दिल दे चुके सनम’ को दर्शकों ने भर-भरकर प्यार दिया. इसके पीछे की वजह है कि सलमान के चेहरे पर हमेशा से एक मासूमियत रही है…जिसका इस्तेमाल उनके इमोशनल और रोमांटिक किरदारों में जान फूंकने के लिए बेहतरीन तरीके से किया जाता रहा है. तभी तो जब 10 साल पहले उनकी फिल्म ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ आई तो उस दौरान सलमान खान 49 साल के थे. यानी देखा जाए तो उम्र भी अच्छी-खासी थी लेकिन फिल्म ने 900 करोड़ से ज्यादा की कमाई भी की. वजह साफ है क्योंकि ‘बजरंगी भाईजान’ एक इमोशनल आदमी की कहानी थी, जिसमें सलमान पूरी तरह से फिट बैठ थे. ऐसे में उन्हें अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स में इमोशनल और ड्रामेटिक फिल्में जरूर शामिल करनी चाहिए.
रीमेक और फ्रेंचाइजी फिल्मों से दूरी
सलमान खान की फैन आर्मी पिछले कई सालों से उन्हें एक ही सुझाव बार-बार देती हुई आ रही है कि अब उन्हें कुछ नया करने की जरूरत है. इंडस्ट्री में नया कंटेंट कम ही देखने को मिल रहा है. फिर चाहे वो अक्षय कुमार हों या अजय देवगन…हर कोई अपनी हिट फ्रेंचाइजी के नए-नए पार्ट्स बनाने में बिजी चल रहा है. ऐसे में अगर सलमान को बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार कमबैक करना है, तो उन्हें नई और फ्रेश कहानी चुनने की सख्स जरूरत है. अगर बात करें ‘बैटल ऑफ गलवान’ की तो सुनने में ये टॉपिक भले ही फ्रेश लगता हो, लेकिन इसी नाम से एक फिल्म यूट्यूब पर पहले से ही मौजूद है, जिसमें ‘आशिकी’ वाले राहुल रॉय लीड रोल में नजर आ रहे हैं.
डायरेक्टर पर भरोसा करने की जरूरत
सलमान खान जो एक गलती बार-बार करते हैं, वो ये है कि वो अपनी फिल्मों के डायरेक्टर के काम के साथ छेड़छाड़ करते हैं. अक्सर उनके को-स्टार और डायरेक्टर्स से सुनने को मिला है कि उन्होंने ये सीन बदलवा दिया था या इस सीन को उन्होंने फिल्म से हटवा दिया. खुद सुपरस्टार भी फिल्मों से जुड़े किस्से सुनाते हुए खुलासा कर देते हैं कि उन्होंने इस सीन को बदला था. संजय लीला भंसाली के साथ उनकी फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ के बंद होने के पीछे की बड़ी वजह भी यही बताई गई थी कि सलमान डायरेक्टर की दी गई स्क्रिप्ट में बदलाव चाहते थे. भाईजान को अपने डायरेक्टर पर भरोसा करने की सख्स जरूरत है.
उम्र को ध्यान में रखकर किरदार करना
सलमान खान 59 साल की उम्र में भी 30-40 साल वाले किरदार फिल्मों में निभाते हुए नजर आ रहे हैं. अब फिल्म देख रही जनता अपना दिमाग भी लगाती है और कहानी में लॉजिक भी ढूंढती है. अजय देवगन इस मामले में सही ट्रैक पकड़े हुए नजर आ रहे हैं. उनकी फिल्में ‘दृश्यम’, ‘शैतान’ और ‘रेड 2’ इसलिए भी हिट हुई हैं, क्योंकि उनके किरदार फैमली मैन वाले थे. दो बड़े-बड़े बच्चों के पिता बनने में अजय ने बिल्कुल भी आनाकानी नहीं की. लेकिन सलमान को अभी तक बड़े-बड़े बच्चों के पिता के रोल में नहीं देखा गया है. वो तो फिल्म ‘वीर’ में खुद ही अपने बेटे का रोल निभा बैठे थे. नजीता क्या रहा, ये बताने की शायद जरूरत नहीं है.
सोच-समझकर हीरोइन का चुनाव करना
सलमान अच्छे एक्टर हैं, इस बात में कोई शक नहीं है. लेकिन वो अक्सर अपनी फिल्मों में खुद से 20-25 साल छोटी एक्ट्रेस को लेते हुए नजर आ रहे हैं. उनकी यही बात फिल्म देख रहे दर्शकों को खटकती भी है. दिशा पाटनी हों या फिर रश्मिका मंदाना…उन्हें आधी उम्र की हीरोइन के साथ काम करता देख मजा नहीं आता. या यूं कहें उनकी हीरोइन के साथ जोड़ी अटपटी लगती है. ऐसा नहीं है कि कम हीरोइन के साथ काम ही ना किया जाए, लेकिन फिर फिल्म की कहानी का सही चुनाव करने की जरूरत है. जैसे शाहरुख खान ने आलिया भट्ट के साथ फिल्म ‘डियर जिंदगी’ में काम किया. किंग खान का रोल ही ऐसा था कि कम उम्र की आलिया के साथ भी वो खूब जचे.
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