रूस में लड़कियों को दिए जाएंगे 80 हजार
दुनियाभर में कई देश तेजी से घटती जन्मदर की चुनौती से जूझ रहे हैं. जापान, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों की जनसंख्या संकट गहराता जा रहा है. इसी लिस्ट में रूस का नाम भी जुड़ गया है, जहां जनसंख्या में गिरावट ने सरकार के लिए बड़ी चिंता खड़ी कर दी है.
इस समस्या से निपटने के लिए रूस ने एक नई स्कीम शुरु की है. सरकार अब कॉलेज में पढ़ रही लड़कियों से लेकर सभी उम्र की महिलाओं को नकद इनाम देकर परिवार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. आइए, जानते हैं कि यह योजना कैसे काम करती है और किन महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा.
रूस की घटती जनसंख्या की समस्या
रूस में जन्म दर बहुत कम हो गई है. रूस की जन्म दर 25 साल के निचले स्तर पर आ गई है, 2024 में केवल 599,600 बच्चे पैदा हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16,000 कम है. यह 1999 के बाद से सबसे कम आंकड़ा है. जून 2024 में स्थिति और खराब हो गई, जब दर्ज इतिहास में पहली बार मासिक जन्म दर 100,000 से नीचे गिर गई. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भी कई युवाओं की मौत हुई, जिससे स्थिति और खराब हो गई. युवाओं की संख्या कम होने से बुजुर्गों की देखभाल और कामकाज पर असर पड़ रहा है.
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दो स्तर पर मिलेगा महिलाओं को फायदा
सरकार चाहती है कि युवा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित हों. नई पीढ़ी की कमी को पूरा करना, ताकि देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति स्थिर बनी रहे. विश्वविद्यालय के छात्रों को बच्चे पैदा करने पर नकद इनाम दिया जाएगा. 1 जनवरी से लागू इस नीति के अनुसार, मां को किसी स्थानीय विश्वविद्यालय या कॉलेज में फुल टाइम स्टूडेंट होना चाहिए, उसकी आयु 25 साल से कम होनी चाहिए. बच्चों की परवरिश के लिए आर्थिक सहायता और सुविधाएं भी दी जाएंगी. यह इनाम दो स्तरों पर दिया जा रहा है – क्षेत्रीय योजनाएं और राष्ट्रीय मातृत्व लाभ.
क्षेत्रीय योजनाएं: 1 जनवरी 2025 से, लगभग दर्जनभर क्षेत्रीय सरकारें उन महिला कॉलेज छात्रों को 1 लाख रूबल (लगभग 910 डॉलर यानी करीब 80 हजार) की प्रोत्साहन राशि देंगी, जो स्वस्थ बच्चे को जन्म देंगी. करीलिया और टोम्स्क में, महिला को स्थानीय निवासी और फुल-टाइम छात्र होना चाहिए. अगर बच्चा मृत जन्म लेता है, तो यह इनाम नहीं मिलेगा.
राष्ट्रीय मातृत्व लाभ: 2025 में पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को अब 6,77,000 रूबल (लगभग 5 लाख 22 हजार) मिलेंगे, जो 2024 में 6,30,400 रूबल थे. दूसरे बच्चे के लिए यह राशि 8,94,000 रूबल (लगभग 8,130 डॉलर) कर दी गई है, जो 2024 में 8,33,000 रूबल थी.
बर्थ रेट बढ़ाने के लिए उठाए कई कदम
रूस ने केवल वित्तीय मदद तक ही सीमित नहीं है बल्कि कई कदम उठाए हैं. जैसे सरकार ने गर्भपात के नियमों को सख्त कर दिया है, ताकि महिलाएं गर्भधारण को पूरा करने के लिए प्रेरित हों. रूसी मीडिया में पारिवारिक जीवन को सकारात्मक रूप से दिखाने पर जोर दिया जा रहा है. पहले एक रियलिटी शो का नाम ’16 और प्रेग्नेंट’ था, जो किशोर गर्भधारण के खिलाफ चेतावनी देता था। अब इसे ‘मॉम एट 16’ नाम से रीब्रांड किया गया है, ताकि कम उम्र में मां बनने को प्रोत्साहित किया जा सके.
रूस का मकसद है कि 2036 तक जनसंख्या में गिरावट को रोका जाएय. यह योजना दो चरणों में बंटी है. पहला चरण (2025-2030) से लेकर है. इस दौरान जन्म दर को बढ़ाकर 1.6 बच्चों प्रति महिला करना और शिशु मृत्यु दर को कम करना है.
दूसरा चरण (2031-2036) है,, इसमें जन्म दर को और बढ़ाकर 1.8 बच्चों प्रति महिला करना और लोगों की औसत आयु को बढ़ाना है. हालांकि रूस का महिलाओं को नकदी देने की नई स्कीम की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या केवल पैसे से लोग बच्चे पैदा करने को तैयार होंगे? लिहाजा इस योजना के नतीजे दिखने में समय लगेगा. दूसरी बात, सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ सकता है.
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