पटियाला. पटियाला की सेशन कोर्ट ने 2009 में हुए रूलदा सिंह खरौद हत्या मामले में जगतार सिंह तारा और रमनीप सिंह गोल्डी को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया। रूलदा सिंह राष्ट्रीय सिख सेवक शाखा के प्रमुख थे और हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद 14 अगस्त को उनकी मृत्यु हो गई थी।
इस केस में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण 2014 में पांच अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया गया था। अब जब अदालत ने जगतार सिंह तारा और रमनीप सिंह गोल्डी को भी निर्दोष घोषित कर दिया है, तो पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।
ये था पूरा मामला
यह मामला 28 जुलाई 2009 का है, जब रात के समय रूलदा सिंह खरौद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और बाद में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इसी सिलसिले में पुलिस ने रमनीप सिंह गोल्डी और जगतार सिंह तारा को भी गिरफ्तार किया था और उन पर मुकदमा चलाया जा रहा था।

इससे पहले, दरशन सिंह सहित चार अन्य लोगों पर भी इसी मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन 2014 में सबूतों की कमी के कारण अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने इस केस में जगतार सिंह तारा और रमनीप सिंह गोल्डी के नाम जोड़े। अब अदालत ने जब इन्हें भी निर्दोष करार दे दिया है, तो पुलिस की जांच पर संदेह खड़ा हो गया है।