राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिका दायर करेगी. इसमें पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद मनोज झा और पार्टी नेता फैयाज अहमद शामिल हैं. दोनों नेता सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में विधेयक के प्रावधानों को चुनौती देंगे. इसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट पर बहुत प्रभाव पड़ सकता है. वक्फ कानून के खिलाफ RJD नेता मनोज झा ने कहा कि ये विधेयक संविधान और सौह्रार्द का हनन की साजिश है और जब दोनों ही खत्म हो जाएगा तो फिर क्या बचेगा?
वक्फ कानून ने राजनीतिक गलियारों में विवाद खड़ा कर दिया है, कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी पर इसके संभावित प्रभाव पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में विधेयक के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई शुरू की थी.
#WATCH | Patna, Bihar: Rashtriya Janata Dal (RJD) to challenge the Waqf Amendment Bill in the Supreme Court
RJD MP Manoj Jha says, “The first batch of petitions from Rashtriya Janata Dal will be uploaded tomorrow and after that, many of our affiliated organizations are going pic.twitter.com/V8QIRNcXUQ
— ANI (@ANI) April 6, 2025
कांग्रेस सांसद ने भी दी है सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून , 2025 को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि ये विधेयक मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण है. ये उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. याचिका में उन्होंने कहा कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव होगा, क्योंकि इसमें ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं जो दूसरे धार्मिक बंदोबस्तों के प्रशासन में मौजूद नहीं हैं.
जावेद, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य भी थे. वकील अनस तनवीर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 25 (धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता), 26 (धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता), 29 (अल्पसंख्यक अधिकार) और 300A (संपत्ति का अधिकार) का उल्लंघन करता है. इसमें कहा गया है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर मनमाने प्रतिबंध लगाता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होती है.
याचिका के मुताबिक, विधेयक शख्स के धार्मिक अभ्यास की अवधि के आधार पर वक्फ के निर्माण पर प्रतिबंध लगाता है. 4 अप्रैल को, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
ये फाइल हमारे लिए बंद हो गई
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी वक्फ कानून 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी. राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने अपना काम कर दिया है. हमें जो कहना था, कह दिया है और अपना फैसला कर लिया है. यह फाइल अब हमारे लिए बंद हो गई है.
उन्होंने संसद की ओर से पारित वक्फ संशोधन विधेयक की कड़ी आलोचना की और इसे मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए एक वास्तविक प्रयास के बजाय व्यापार या व्यवसाय जैसा कदम बताया.
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