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इंग्लैंड में ‘इंडियावाले’ किकेटर का बेजोड़ धमाका, एक दिन में ठोके 2 शतक, खेल देखकर अंग्रेजों में भी पड़ गई थी फूट | Ranjitsinhji hit two century in one day and creates history in England, know his cricket story

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Aug 22, 2024    150845 views     Online Now 310
इंग्लैंड में 'इंडियावाले' किकेटर का बेजोड़ धमाका, एक दिन में ठोके 2 शतक, खेल देखकर अंग्रेजों में भी पड़ गई थी फूट

128 साल पहले रणजीत सिंह ने रचा था इतिहास (Photo: Hulton Archive/Getty Images)

इंग्लैंड की जमीन पर भारतीयों के किए हैरतअंगेज प्रदर्शन की एक से बढ़कर एक मिसालें हैं. और, जिसकी हम बात करने से जा रहे हैं, कहानी वहां से शुरू होती है. 128 साल पहले इंग्लैंड में इंडियावाले एक क्रिकेटर ने जबरदस्त धमाका करते हुए एक ही दिन में दो शतक जड़ दिए थे. भारत से ताल्लुक रखने वाले उस क्रिकेटर का नाम था रणजीत सिंह विभागी जडेजा.

22 अगस्त 1896 को रणजीत सिंह ने डबल सेंचुरी लगाकर अंग्रेजों को हैरान कर दिया. ये कमाल रणजीत सिंह ने ससेक्स की टीम से खेलते हुए यॉर्कशर के खिलाफ किया था. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में वो कमाल करने वाले रणजीत सिंह जीत उस वक्त तीसरे बल्लेबाज थे. लेकिन, सच ये है कि उनके बाद फिर आज तक कोई उस कमाल को कर भी नहीं पाया.

16 साल की उम्र में गए इंग्लैंड, डब्ल्यूजी ग्रेस हुए बैटिंग के कायल

क्रिकेट भले ही आज जेंटलमैन गेम हो. और, जन-जन तक इसकी पहुंच भी हो गई हो. लेकिन, भारत की आजादी से पहले ये अंग्रेजों, महाराजाओं और नवाबों का खेल हुआ करता था. जामनगर के महाराजा रणजीत सिंह जी ने भारत में रहते हुए ही क्रिकेट का ककहरा सीख लिया था. 16 साल की उम्र में जब वो उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए तो वहां उनकी बल्लेबाजी देखने के बाद डब्ल्यूजी ग्रेस को उनकी बल्लेबाजी की क्षमता को आंकने में देर नहीं लगी थी.

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टीम में सेलेक्शन को लेकर इंग्लैंड में हुआ था विवाद

क्रिकेट को लेग ग्लांस शॉट देने वाले रणजीत सिंह जी ही थे. उन्हें ऑन साइड का जादूगर भी कहा जाता था. यही वजह है कि इंग्लैंड की क्रिकेट टीम को उन्हें अपनी टीम में लेने पर मजबूर होना पड़ा था. हालांकि, तब उनके चयन को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. लॉर्ड हैरिस इंग्लिश टीम में उनके चयन के खिलाफ थे. उनका कहना था कि रणजीत सिंह जी का जन्म भारत में हुआ है, इसलिए उन्हें टीम में नहीं लिया जा सकता. लेकिन, रणजीत सिंह की क्षमता और काबिलियत इस तरह की थी कि लॉर्ड हैरिस का तर्क उसके आगे टिक नहीं पाया.

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1896 में खेला था पहला टेस्ट

रणजीत सिंह जी ने 1896 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला. पहली पारी में 62 रन और दूसरी इनिंग में 154 रन बनाते हुए वो टेस्ट डेब्यू पर फिफ्टी और सेंचुरी मारने वाले पहले बल्लेबाज बने. 1897 में सिडनी में खेले टेस्ट में उन्होंने 7वें नंबर पर उतरकर इतिहास रचा था. उस मैच में बीमार होने के बावजूद उन्होंने 175 रन की पारी खेली थी.

रणजीत सिंह जी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेले 307 मैचों में 24097 रन बनाए थे. इस दौरान उन्होंने 72 शतक और 109 अर्धशतक लगाए थे. साल 1933 में गुजरात के जामनगर में ही रणजीत सिंह जी का 60 साल की आयु में निधन हो गया.

भारत में रणजी ट्रॉफी की शुरुआत

क्रिकेट के जादूगर के नाम से जाने जाने वाले रणजीत सिंह जी ने इंग्लैंड में तो हलचल मचाई ही, उन्होंने भारत में भी क्रिकेट के विकास में अहम रोल प्ले किया. उन्हीं के नाम पर रणजी ट्रॉफी का नाम पड़ा, जहां बेहतर परफॉर्म करना टीम इंडिया में एंट्री लेने वाले खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य हो गया.

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