2022 में रामपुर के माजिद अपने साले की शादी में शामिल होने के लिए बच्चों के साथ पाकिस्तान गए थे, तब से वहीं फंसे हैं.
उत्तर प्रदेश में रामपुर का एक परिवार पिछले दो सालों से पाकिस्तान में फंसा है. परिवार के लोग रिश्तेदार की शादी में शामिल होने गए थे. तब से वहीं फंसे हैं. परिवार ने भारत आने के लिए यहां की सरकार से मदद की गुहार लगाई है. आइए जान लेते हैं कि आखिर क्यों पूरा परिवार दो साल से पाकिस्तान में फंसा है? परिवार ने मोदी सरकार से गुहार लगाई है. जानिए, विदेश जाने पर वीजा खत्म हो जाए तो क्या करें, भारत और पाकिस्तान में वीजा कैसे मिलता है?
दरअसल, रामपुर के माजिद हुसैन की शादी साल 2007 में पाकिस्तानी युवती ताहिर जबीन से हुई थी. तबसे ताहिर लॉन्ग टर्म वीजा पर रामपुर में रह रही थीं. अब दोनों के तीन बच्चे हैं. साल 2022 में ताहिर के भाई यानी माजिद के साले की शादी में शामिल होने परिवार के पांचों लोग पाकिस्तान गए थे. तब से वहीं फंसे हैं.
दो दिन निकले और फंस गए
परिवार के साथ विजिटर वीजा पर पाकिस्तान अपने मायके गईं ताहिर के वीजा के दो दिन निकल गए. बस मामला यहीं फंस गया. दो दिन अधिक होने से उनका वीजा रद्द हो गया. अब परिवार को वापस भारत आने के लिए नया वीजा नहीं मिल पा रहा है. पिछले दो सालों से दो दिन की भरपाई नहीं हो पा रही है. इसके कारण सभी लोग पाकिस्तान में ही हैं. मीडिया में रामपुर में माजिद हुसैन की मां फमीदा के हवाले से बताया गया है कि उनका बेटा, बहू और पोते 30 दिन के वीजा पर पाकिस्तान गए थे. अब वीजा नहीं मिलने से वे वापस नहीं आ पा रहे हैं. माजिद फोन पर कहता है कि वहां बहुत परेशान और किसी तरह सबको वापस बुला लूं.
माजिद हुसैन के भाई माहिर हुसैन का कहना है कि पाकिस्तान में भतीजों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. सबके नाम रामपुर के एक स्कूल में लिखे हैं. ऐसे में परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उनकी मदद करें और भारत सरकार वीजा दिलवाएं, जिससे सब रामपुर आ सकें.
ऐसे मिलता है भारत और पाकिस्तान का वीजा
भारत से पाकिस्तान जाने और वहां से आने के लिए वीजा की प्रक्रिया लगभग समान है. यह प्रक्रिया दूसरे किसी भी देश की वीजा लेने के समान ही है. कोई भारतीय अगर पाकिस्तान जाना चाहता है तो उसे दोनों ओर का वीजा मिलता है. इसमें अलग-अलग तरह का वीजा होता है. आम लोगों के लिए पर्यटक या विजिटर वीजा जारी होता है. इसके लिए काफी जांच होती है. पूछा जाता है कि जाने की या वापस आने की क्या वजह है. अच्छे से सत्यापन के बाद ही पाकिस्तान जाने या वहां से लौटने का वीजा दिया जाता है.
इनको आसानी से मिल जाता है
भारत से पाकिस्तान जाने और पाकिस्तान से भारत आने का वीजा उन लोगों को आसानी से मिल जाता है, जिनके रिश्तेदार-दोस्त इधर या उधर रहते हैं. ऐसे लोगों को 30 दिन का विजिटर वीजा दिया जाता है. इस वीजा अवधि के दौरान कुछ खास जगहों पर ही आने-जाने की इजाजत होती है.
भारत आने के लिए उच्चायोग से करना होगा संपर्क
पाकिस्तान से भारत आने के लिए किसी को वीजा चाहिए तो उसे इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क करना होगा. वीजा के लिए उच्चायोग की वेबसाइट पर भी आवेदन किया जा सकता है. दोस्तों या रिश्तेदारों से मिलने भारत आने वाले लोगों को विजिटर वीजा के लिए स्पान्सरशिप सर्टिफिकेट जमा करना होता है. इसका फॉर्मेट उच्चायोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस सर्टिफिकेट पर संबंधिक जिले के डीएम/एसपी/एसडीएम/तहसीलदार/बीडीओ/एसएचओ/राज्य या केंद्र के किसी ग्रुप ए अफसर, किसी सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल या सरकारी स्कूल के हेडमास्टर का काउंटर साइन होना चाहिए.
इस काउंटर साइन का यह मतलब होता है कि पाकिस्तान से भारत आने वाले व्यक्ति के स्पॉन्सर (भारत में रहने वाले दोस्त या रिश्तेदार) को ये व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. विजिटर वीजा पर पाकिस्तान से आने वाले सभी लोगों को यह सर्टिफिकेट देना होता है.
इसके अलावा पाकिस्तान से भारत बुलाने वाले को अपने पासपोर्ट, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, राशन कार्ड या वोटर कार्ड में से किसी दो दस्तावेजों की कॉपी भी लगानी होती है, जिसमें पता और कॉन्टैक्ट नंबर साफ-साफ दिए गए हों.
पाकिस्तान के ये कागजात जरूरी
जो लोग पाकिस्तान से आ रहे हैं, उनको NADRA Card की अंग्रेजी में अनूदित कॉपी शपथ पत्र के साथ लगानी होती है. इसके साथ बिजली बिल, गैस बिल या टेलीफोन बिल में से किसी एक की कॉपी एड्रेस प्रूफ के रूप में देनी होती है. वैलिड पोलियो वैक्सीनेशन भी जरूरी होता है. निश्चित फॉर्मेट पर सभी दस्तावेजों के साथ वीजा के लिए आवेदन करने के बाद उच्चायोग जांच करता है. इसके बाद पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही वीजा जारी किया जाता है.
यह एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें समय लगता है. भारत आने की तारीख से पहले वीजा के लिए प्रक्रिया शुरू करनी होती है. इसके लिए तय तारीख से कितने दिन पहले आवेदन करना होता है, इसकी जानकारी भी वेबसाइट पर मिल जाती है.
विदेश में फंसने पर उच्चायोग से संपर्क जरूरी
कोई व्यक्ति अगर भारत से विदेश गया है और वहां किसी भी कारण से उसका वीजा खत्म हो जाए या पासपोर्ट या कोई और डॉक्यूमेंट खो जाए तो उसे तुरंत अपने उच्चायोग से संपर्क करना चाहिए. भारतीय उच्चायोग अपने लोगों की ये डॉक्यूमेंट बनाने में मदद करता है.
चूंकि रामपुर से गए परिवार के साथ एक पाकिस्तानी नागरिक यानी ताहिर जबीन भी हैं. ऐसे में किन्हीं तकनीकी दिक्कतों के कारण उनको वीजा जारी नहीं हो पा रहा है. इसीलिए पूरा परिवार पाकिस्तान में फंसा है और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है.
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