प्रतीक चौहान. रायपुर. खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केसर युक्त सितार और नकली माणिकचंद बनाने वाली कंपनी में छापा मारा है. इस कार्रवाई में करीब 2 करोड़ रूपए का माल जब्त किया है.
खाद्य एवं औषधीय प्रशासन के एसीएस आरके शुक्ला के नेतृत्व में 8 फूड सेफ्टी ऑफिसर की टीम ने मंदिर हसौद थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में ये छापा मारा. यहां टीम ने करीब 10 बजे दबिश दी और रात करीब 3-4 बजे तक यहां कार्रवाई जारी रही और फैक्ट्री को सील कर दिया गया है.
अधिकारियों के मुताबिक यहां बड़ी मात्रा में सैकड़ों बंडल जर्दा युक्त गुटखा और उसे बनाने वाला सामान, सुपारी और पाउच जब्त किए गए है. इसे बनाने के लिए यहां रखी गई 23 मशीनों को भी अधिकारियों ने जब्त कर लिया है. अधिकारियों को ऐसा अनुमान है कि यहां लंबे समय से नकली गुटखा बनाने का काम चल रहा था.
रोज सप्लाई होता था 35-40 लाख का गुटखा
अधिकारियों ने बताया कि फैक्ट्री में करीब 40 मजदूर काम करते हुए मिले है. ये सभी मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले है. उनसे पूछताछ में पता चला है कि रोजाना करीब 300-400 बोरा माल वे बनाकर सप्लाई करते थे. प्रति बोरे में जाने वाले गुटखा करीब 10 हजार रूपए को होता था. मजदूरों ने अधिकारियों को बताया कि वे रात 10 बजे का बाद काम शुरू करते थे और सुबह में ये फैक्ट्री बंद रहती थी और यहां से गुटखा सप्लाई का काम सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच ही होता था.
कार्रवाई में शामिल थी ये अधिकारियों की टीम
इस कार्रवाई में एफएसओ साधना चंद्राकर (एरिया ऑफिसर), एहसान तिग्गा, सिद्धार्थ पांडे, सर्वेश यादव, संतोष ध्रूव, राखि ठाकुर और नमूना सहायक राकेश गिदोडे समेत अन्य मौजूद थे.
किसकी है ये फैक्ट्री ?
ये फैक्ट्री दुर्ग के किसी गुरमुख जुमनानी नाम के व्यक्ति की बताई जा रही है. हैरानी की बात ये है कि यहां टीम को एक वसीम खान नाम का सुपरवाइजर भी इन्हें मिला. इतना ही नहीं इन मजदूरों को फैक्ट्री में अंदर बंद कर के ये पूरा काम कराया जाता था और ये वहां से सुबह के वक्त भी बाहर नहीं निकलते थे. टीम जब छापा मारने पहुंची तब लेबर गेट के अंदर बंद थे और पुलिस के आने के बाद ताला तोड़कर टीम छापा मारने के लिए अंदर पहुंची. यहां से सीजी 07 सीएल 9474 नंबर की एक ट्रक भी मिली है, जिससे माल सप्लाई किया जाता था.