राहुल गांधी
लेटरल एंट्री पर हो रहे सियासी घमासान के बीच केंद्र सरकार ने अपना फैसना वापस ले लिया है. इस मामले को तूल पकड़ता देख कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग को पत्र लिखकर संघ लोक सेवा आयोग से लेटरल एंट्री के आधार पर निकाली गई भर्तियों को वापस लेने को कहा है. इसमें कहा गया कि लेटरल एंट्री में निकाली गई भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है. इसलिए इसको ध्यान में रखते हुए तुरंत वापस लिया जाए.
सरकार के लेटरल एंट्री पर रोक लगाने के आदेश पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी की लेटरल एंट्री जैसी सभी साजिशों को हम हमेशा के लिए नाकाम करके दिखाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि 50 परसेन्ट आरक्षण की सीमा को तोड़ कर जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करेंगे.
संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे।
भाजपा की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
जय हिन्द।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
राहुल गांधी का वीडियो
सरकार के यू टर्न के बाद से विपक्ष के कई नेता सरकार पर सीधा निशाना साध रहे हैं. इसी को लेकर कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया है. इसमें राहुल गांधी आक्रमक अंदाज में नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में राहुल गांधी आरक्षण के लेकर सरकार पर कई सवाल उठा रहे हैं. इसके साथ ही वो इसमें सामाजिक न्याय को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय देने की जिम्मेदारी गठबंधन की है.
भाजपा ‘लैटरल एंट्री’ के ज़रिए खुलेआम आरक्षण छीनने का प्रयास कर रही थी…
वंचितों को देश के शीर्ष पदों से दूर करने वाले भाजपा के मंसूबे हम कभी कामयाब नहीं होने देंगे – INDIA हर एक वर्ग के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेगा। pic.twitter.com/Ifz5uHrW3A
— Congress (@INCIndia) August 20, 2024
अखिलेश ने भी किया सरकार पर हमला
सपा चीफ अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर सरकार पर बड़ा निशाना साधा है. उन्होंने पोस्ट करते हुए कहा कि पीडीए की एकता के आगे आखिर सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. आगे उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री के इस मामले ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.
यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है।
भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 20, 2024
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