Ekadashi Vrat 2024Image Credit source: Getty Images
Ekadashi Vrat 2024: एकादशी व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. एकादशी का व्रत विशेष रूप से व्रत, उपवास और पूजा के लिए जाना जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है और इसे बहुत ही श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है. मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत का सही नियम से पालन करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. एकादशी व्रत का पालन करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. एकादशी का व्रत रखने वालों के लिए सितंबर का महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत खास रहना वाला है, क्योंकि इस माह दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत पड़ रहे हैं. आइए जानते हैं.
सितंबर माह में पड़ेगी ये 2 बड़ी एकादशी (Ekadashi Vrat in September 2024)
परिवर्तनी एकादशी (Parivartini Ekadashi 2024)
परिवर्तिनी एकादशी को जलझूलनी एकादशी भी कहते हैं. इस एकादशी को बहुत ही पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान और पूजन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष तरीके से की जाती है. परिवर्तिनी एकादशी व्रत शनिवार 14 सितंबर 2024 को रखा जाएगा. वहीं अगले दिन यानी 15 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा.
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इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024)
इंदिरा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाली एक प्रमुख एकादशी है. यह व्रत पितरों की शांति और उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए समर्पित होता है. इंदिरा एकादशी का आयोजन भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होता है, जो आमतौर पर सितंबर के महीने में पड़ती है. इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर 2024 को रखा जाएगा. और व्रत पारण फिर अगले दिन 29 सितंबर को किया जाएगा.
एकादशी व्रत का महत्व (Ekadashi Vrat Significance)
एकादशी व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जो हर महीने की ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता है. ‘एकादशी’ का अर्थ है ‘ग्यारह’ और यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत का पालन करने से पापों की मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
विशेष रूप से, एकादशी व्रत के कई प्रकार होते हैं जैसे मोहिनी एकादशी, निर्जला एकादशी, योगिनी एकादशी, और कामिका एकादशी, जिनका अपना अलग-अलग महत्व और पूजा विधियां होती हैं. एकादशी व्रत चंद्रमा के चक्र के अनुसार हर माह दो बार आता है. हर महीने 2 एकादशी और पूरे साल में कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं. व्रत के दिन भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं.
उपवास के दौरान अधिकतर लोग अन्न-जल का सेवन नहीं करते. व्रत रखने वाले लोग दिन भर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं और भजन- कीर्तन में समय बिताते हैं. एकादशी व्रत का पालन करने से मानसिक शांति मिलती है. इस दिन दान और पुण्य कर्म करने से भी विशेष लाभ होता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है.
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