• Sun. Sep 8th, 2024

पाकिस्तान में कांगो फीवर का खतरा, बकरीद से पहले सरकार ने किया अलर्ट | Pakistan issues Advisory for Prevention of Crimean Congo Hemorrhagic Fever Virus eid Al-Adha 2024

ByCreator

May 25, 2024    150810 views     Online Now 458
पाकिस्तान में कांगो फीवर का खतरा, बकरीद से पहले सरकार ने किया अलर्ट

कांगो बुखार की कोई वैक्सीन नहीं है.Image Credit source: PTI

ईद उल अजहा की तैयारी दुनियाभर में हो रही है. लेकिन बकरीद से पहले पाकिस्तान पर एक खतरनाक वायरस के चपेट में खतरा बना हुआ है. इसका नाम है क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार (Crimean-Congo hemorrhagic fever). इसे कांगो वायरस भी कहा जाता है. देश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने वायरस से बचाव को लेकर नागरिकों के लिए सलाह भी जारी की है. आइए जानते हैं कि कांगो बुखार क्या है और यह हर साल पाकिस्तान का सिरदर्द क्यों बनता है.

CCFH एक वायरल बुखार है जो टिक्स (मकड़ियों से संबंधित) के नायरोवायरस द्वारा होता है. पिछले साल भी पाकिस्तान में कांगो वायरस का प्रकोप देखा गया था. 2023 में पाकिस्तान में इस बुखार के 101 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक-चौथाई लोगों की मौत हो गई. फिलहाल इस बीमारी का कोई इलाज और वैक्सीन नहीं है.

क्या है कांगो बुखार, कैसे फैलता है वायरस?

CCHF एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य खतरा माना जाता है. एशिया, अफ्रीका, यूरोप और मध्य पूर्व में इसके मामले रिपोर्ट किए गए हैं. 1944 में सबसे पहले CCHF को क्रीमिया में रिपोर्ट किया गया था. तब इसे क्रीमियन रक्तस्रावी बुखार नाम दिया गया था. फिर 1960 के दशक के अंत में कांगो में समान बीमारी रिपोर्ट की गई थी. तब इसका नाम क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार कर दिया गया.

ये भी पढ़ें

कांगो वायरस पशुओं की चमड़ी से चिपके रहने वाले हिमोरल नाम के टिक्स (परजीवी) से इंसानों में फैलता है. टिक्स के काटने या संक्रमित जानवर के खून के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में फैल सकता है. भेड़ और बकरियों से यह वायरस तेजी से फैलता है. जारी एडवाइजरी के मुताबिक, यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के रक्त या शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है.

See also  PM Kisan Yojana 14th Installment

पाकिस्तान में कितना प्रबल है कांगो वायरस?

कांगो वायरस के दर्ज मामलों में पाकिस्तान एशिया का चौथा सबसे बड़ा देश है. उससे आगे तुर्की, रूस और ईरान है. 1976 में पाकिस्तान पहली बार CCHF के प्रकोप में आया था. तब से, लगातार छोटे स्तर पर मामले रिपोर्ट किए जाते रहे हैं. देश के ग्रामीण इलाकों में पशुओं के रखरखाव का गलत तरीका, इस बीमारी के फैलने की एक प्रमुख वजह मानी जाती है.

ईद उल अजहा से क्या है कांगो वायरस का कनेक्शन?

इस्लामाबाद में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने चेताया है कि कांगो वायरस का ईद अल अजहा के मौके पर फैलने का ज्यादा खतरा है. एडवाइजरी में लिखा है, ‘आने वाले ईद अल अजहा के चलते सभी प्रांतों से जानवरों की आवाजाही में बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम जनता और जानवरों के बीच संपर्क बढ़ गया है. इस वजह से कांगो बुखार फैलने का खतरा बढ़ गया है.’

वायरस से बचने के लिए क्या सलाह दी गई है?

चूंकि इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए लोगों को हाई-रिस्क वाले इलाकों में संभलकर जाने की सलाह दी गई है. एडवाइजरी में पूरी बाजू और हल्के रंग के कपड़े पहनने को कहा गया है. हल्के रंग के कपड़े पहनने से टिक्स आसानी से नजर आ जाएंगे. इसके अलावा कीड़ों को दूर रखने वाले क्रीम लगाने की सलाह दी गई है.

यह भी पढ़ें:क्या है ब्रिटेन का UK रॉयल अवॉर्ड, जिससे 18 साल की भारतीय रिक्शा ड्राइवर सम्मानित की गई?

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL