
पीएम शहबाज शरीफ. (फाइल फोटो)
पाकिस्तान वैसे तो दुश्मनी निभाता रहा है लेकिन भारत हमेशा से उसके साथ अच्छा पड़ोसी होने का फर्ज निभाया है. वो भारत ही है जिसके दम पर पाकिस्तान का मुंह मीठा हो रहा है. शहबाज शरीफ की सरकार ने खुद इस बात को पूरी दुनिया के सामने स्वीकारा है.
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री जाम कमाल खान ने नेशनल असेंबली में मौजूदा सरकार के पहले साल के दौरान चीनी आयात का ब्यौरा पेश किया. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान ने भारत समेत कई देशों से चीनी आयात की है. मंत्री ने बताया कि मार्च 2024 से जनवरी 2025 तक कुल 3,140 मीट्रिक टन चीनी का आयात किया गया, जिसकी लागत 3 मिलियन डॉलर से अधिक थी.
भारत से कितनी चीनी मंगाया पाकिस्तान?
आयातित चीनी मलेशिया, जर्मनी, थाईलैंड, यूएई, अमेरिका, यूके, डेनमार्क, चीन, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और दक्षिण कोरिया से आई थी. इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत से 50,000 टन चीनी भी आयात की. पाकिस्तान का कहना है कि भारत में चीनी की कीमत पाकिस्तान से बहुत कम है. पाकिस्तान इसके अलावा भारत से कॉटन भी इंपोर्ट करता है.
भारत और पाकिस्तान के संबंधों में कश्मीर को लेकर कड़वाहट रही है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का रोना रोता रहता है, लेकिन भारत शुरू से कहता रहा है कि कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा. दोनों देशों के बीच अब तीन जंग भी हो चुकी है, जिसमें हर बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है.
‘व्यापार और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते’
2014 से मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाने के कई प्रयास किए. मई 2014 में नव निर्वाचित मोदी सरकार ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था. इसके बाद दोनों पीएम अगले साल जुलाई में मिले. भारत के विदेश मंत्री ने दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद का दौरा किया और एक व्यापक द्विपक्षीय वार्ता का प्रस्ताव रखा. लेकिन, इस्लामाबाद ने जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर सीमा पार से आतंकी हमला और सात महीने बाद उरी में एक सैन्य शिविर पर हमला करवाया. इसके बाद फरवरी 2019 में पुलवामा में भारतीय सेना के काफिले पर हमला करने के लिए पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को भी मदद की.
भारत कहता रहा है कि व्यापार और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. अगर पाकिस्तान को भारत के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध चाहिए तो उसे आतंकवाद का निर्यात बंद करना होगा. भारत सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए वस्तुओं और सेवाओं का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता है. इसलिए, अधिकांश देश भारत के साथ बेहतर द्विपक्षीय संबंध रखना चाहते हैं.
व्यापार में आई गिरावट
2018-19 के बाद भारत-पाक द्विपक्षीय व्यापारिक व्यापार में भारी गिरावट आई है. भारत ने फरवरी 2019 में पाकिस्तान को दिया गया सबसे पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्जा रद्द कर दिया था और इस्लामाबाद की भारत विरोधी गतिविधियों के कारण पाकिस्तानी माल पर उच्च टैरिफ लगा दिया. भारत ने 1996 में पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था.
वित्त वर्ष 2018-19 में भारत ने पाकिस्तान को 2.07 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया और 495 मिलियन डॉलर का पाकिस्तानी सामान आयात किया. अगले वित्त वर्ष में पाकिस्तान को भारत का निर्यात 60.5% घटकर 817 मिलियन डॉलर रह गया और भारत को पाकिस्तान का निर्यात 97.2% घटकर 14 मिलियन डॉलर रह गया.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login