जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नए-नए खुलासे हो रहे हैं. NIA की शुरुआती जांच में पता चला है कि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी. इसके लिए बाकायदा बैठक और रेकी भी की गई थी. सूत्रों की मानें तो पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर, ISI और पाक आर्मी की साजिश है. NIA की जांच में पता चला है कि आरोपियों हमले वाली जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर बेताब घाटी में हथियार छिपाए थे. इस आतंकी हमले की प्लानिंग फरवरी महीने से शुरू हुई थी.
2 फरवरी को PoK के रावलकोट में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में लश्कर, जैश और हमास के कई नेता शामिल हुए. पहली ही बैठक में पहलगाम में हमले की साजिश रची गई थी. सभी नेताओं की सहमति के बाद ही पहलगाम को फिक्स किया गया था. बैठक के बाद तुरंत हाफिज सईद को पाकिस्तान आर्मी के कैंट इलाके में शिफ्ट कर दिया गया था. ताकि अगर कुछ भी गड़बड़ होता है कि हाफिज पर कोई सवाल खड़े न करे और उसकी सुरक्षा पुख्ता बनी रहे.
मार्च में दी गई हमले की जिम्मेदारी
फरवरी में हुई पहली बैठक के बाद से ही प्लान पर काम शुरू हो चुका था. आगे की रायशुमारी के लिए मार्च में लश्कर के मुख्यालय में एक और मीटिंग रखी गई. बैठक में लश्कर का डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह, ISI ऑफिसर्स और पाकिस्तान आर्मी के लोग शामिल हुए थे, जिसमे हाशिम मूसा और तलाह भाई को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्हें ये बताया गया था कि किसी भी हालत में पूरे प्लान को अंजाम देना है.
15 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे आतंकी
पाकिस्तान में हुई दो बैठकों के बाद सब कुछ तय कर दिया गया था. आने से लेकर वापस जाने और मददगारों तक का इंतजाम हो चुका था. यही कारण है कि आतंकी 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच चुके थे. यहां उन्होंने करीब 1 हफ्ते तक पूरे इलाके की रेकी की थी. इस दौरान उन्होंने 3 लोकेशन को चुना था, जिसमें आरू घाटी, बेताब घाटी, और एम्यूजमेंट पार्क था. हालांकि पहलगाम पुलिस स्टेशन नजदीक होने से आतंकियों ने प्लान ड्रॉप कर दिया. बाद में उन्होंने बायसरान घाटी को अपना निशाना बनाया था.
OGW की मदद के बाद दिया घटना को अंजाम
आतंकी किसी भी हालत में अपना प्लान कामयाब करना चाहते थे. यही कारण है कि उन्होंने पहाड़ी क्षेत्र होने के बाद भी घटला स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर हथियार छिपाए थे. ताकि किसी को भी कानों कान भनक न लग सके. 20 अप्रैल को आतंकी OGW से मिली इनफार्मेशन के बाद बैसरन घाटी पहुंचे. 2 दिन घाटी की रेकी की जिसमे 4 OGW ने आतंकियों की मदद की थी. आतंकियों में 22 अप्रैल आतंकी हमले की योजना बनाई और दोपहर ढाई बजे आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया.
बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हमला कर दिया. इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. इसमें एक नेपाल का टूरिस्ट भी शामिल था. आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी थी.
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