इजराइल को घेरने के लिए सऊदी अरब के जद्दा में मुस्लिम देश एकजुट हुए हैं. इस बैठक का आयोजन गाजा में मानवीय संकट और हमास, हिजबुल्लाह नेताओं की हत्या के बाद बढ़े तनाव को लेकर ईरान के आह्वान पर किया गया है. इस बैठक में इजराइल पर दबाव बनाने और उसकी आक्रामकता का जवाब देने के सुझावों पर चर्चा हुई. अपने भाषण में OIC के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी लोगों के साथ हो रहे युद्ध अपराधों और नरसंहार की कड़ी निंदा की है.
इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने हिस्सा लिया. क्षेत्र में बढ़ती इजराइली आक्रामकता पर गहरी चिंता जताते हुए, डार ने ईरान और फिलिस्तीन के साथ पाकिस्तान की मजबूत एकजुटता का ऐलान किया और इजराइल को तेल और व्यापारिक बहिष्कार के लिए तेहरान की मांग का समर्थन किया.
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Deputy Prime Minister/ Foreign Minister Senator Mohammad Ishaq Dar @MIshaqDar50 met with the Acting Foreign Minister of Iran Ali Bagheri Kani on the sidelines of the Extraordinary Session of the Executive Committee of the OIC held in Jeddah.
They discussed bilateral and regional pic.twitter.com/F6upNBofsJ
— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) August 7, 2024
डार ने कहा ईरान और फिलिस्तीन मानवता के खिलाफ इजराइल से बदला लेने का अधिकार रखते हैं. साथ ही उन्होंने कहा, “हमें बेंजामिन नेतन्याहू के युद्ध प्लान से भी सावधान रहना चाहिए क्योंकि चरमपंथी इजराइली नेता अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए क्षेत्र में युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं.”
हानिया की हत्या शर्मनाक
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हानिया की हत्या पर बोलते हुए कहा, “अब वक्त आ गया है कि इजराइल को जवाबदेह ठहराया जाए और मुस्लिम दुनिया को बयानों और निंदाओं से आगे बढ़ना चाहिए. अगर इजराइल गाजा में तत्काल युद्ध विराम समझौते पर सहमत नहीं होता है, तो इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्यों को तेल अवीव का तेल-व्यापारिक बहिष्कार के लिए कार्य करना चाहिए.”
पाकिस्तान ने ईरान की मांग का पूर्ण रूप से समर्थन किया है. इजराइल के ज्यादातर अरब देशों से संबंध अच्छे नहीं है, लेकिन वे कुछ मुस्लिम देशों के साथ व्यापार करता है और उनसे तेल भी आयात करता है.
किस देश से आता है इजराइल में तेल?
केपलर कंपनी के डेटा के मुताबिक मई 2023 के मध्य से इजराइल ने प्रतिदिन लगभग 220,000 बैरल तेल का आयात किया है, जिसमें से 60 फीसद तेल दो अफ्रीकी देश गैबॉन ब्राजील से आया है. अरब देशों से घिरे इजराइल में आने वाले ज्यादातर तेल मुस्लिम बंदरगाहों से ही होकर आता है.
मुस्लिम देशों में इजराइल के साथ सबसे अच्छे रिश्ते अज़रबैजान हैं और अज़रबैजान ही मुस्लिम देशों में इजराइल का सबसे बड़ा तेल और गैस निर्यातक है. तुर्की ने मई में ही इजराइल के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन इजराइल के ग्लोब्स अखबार के मुताबिक अज़रबैजान से आने वाला तेल तुर्की की बंदरगाह से ही इजराइल आता है.
वर्ल्ड मीटर्स के मुताबिक इजराइल प्रतिदिन 5,977 बैरल तेल का उत्पादन भी करता है, जो इसे दुनिया में 95वें ऑयल प्रोड्यूसर देश बनाता है. अगर मुस्लिम देश इजराइल पर तेल और व्यापार पाबंदी लगाते हैं, तो इजराइल के लिए तेल निर्यात करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि लाल सागर टर्मिनल से आने वाला तेल हूतियों के हमलों के बाद पहले ही बंद है. गाजा के नजदीक अश्कलेन बंदरगाह पर भी गाजा युद्ध के बाद से व्यापार प्रभावित हुआ. वहीं हाइफा पोर्ट पर भी हिजबुल्लाह ने इजराइल के व्यापार को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है.
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