गाजियाबाद। नेश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) और नगर निगम पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. ये जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि आदेश के बावजूद गाजियाबाद के इंदिरापुरम में शक्ति खंड 4 से डंपिंग ग्राउंड नहीं हटाया गया. इसको लेकर NGT ने नगर निगम पर डेढ़ सौ करोड़ रुपये और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण पर 50 लाख का पर्यावरण क्षतिपूर्ति का जुर्माना लगाया है.
दोनों विभाग को 1 महीने के अंदर जुर्माना जमा करने और 6 महीने के अंदर डंपिंग ग्राउंड हटाए जाने के आदेश दिए गए हैं. एनजीटी में 6 सितंबर को हुई सुनवाई में जुर्माने का यह आदेश जारी किया गया है. जो गुरुवार को एनजीटी की साइट पर अपलोड हुआ.
कुड़े में लग जाती थी आग
इंदिरापुरम के शक्ति खंड 4 में आवास इलाके में 35000 वर्ग मीटर जमीन पर लंबे समय से कूड़ा डाला जा रहा था. इसके विरोध में कंफेडरेशन ऑफ ट्रांस हिंडन आरडब्लूए गाजियाबाद की ओर से वर्ष 2018 में एनजीटी में याचिका दायर की गई थी. संस्था के पदाधिकारी कुलदीप सक्सेना ने बताया कि डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा डालने के बाद आए दिन उसमें आग लग जाती थी. इससे उठने वाली धुंए और दुर्गंध से कॉलोनी के बहुमंजिला इमारतों में प्रदूषण को बढ़ा रही थी.
2018 में शुरू हुआ विरोध
कुलदीप सक्सेना ने बताया कि प्लॉट में वर्ष 2017 से कूड़ा डालने शुरू हो गया था. दुर्गंध बढ़ी तो स्थानीय लोगों ने पहली बार जनवरी 2018 में विरोध किया और सड़क पर उतरे, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई इसके बाद NGT में याचिका दायर की गई.