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सीरिया पर हमलों के बीच नेतन्याहू सरकार से अलग हुए शास, अल्पमत का संकट

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Jul 16, 2025    150811 views     Online Now 457
सीरिया पर हमलों के बीच नेतन्याहू सरकार से अलग हुए शास, अल्पमत का संकट

इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू

सीरिया पर इजराइल के ताबड़तोड़ हमलों के बीच नेतन्याहू सरकार पर अल्पमत का संकट आ गया है. दरअसल सत्ताधारी गठबंधन में शामिल शास और UTJ पार्टी ने सरकार से अलग होने का फैसला लिया है. यह निर्णय सत्तारुढ़ टोरा सेज काउंसिल की बैठक के बाद लिया गया. हालांकि इसमें से शास पार्टी ने सिर्फ सरकार से अलग होने का फैसला लिया है, पार्टी गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी और चुनाव पर जोर नहीं देगी, जिससे नेतन्याहू की सरकार बची रहेगी. माना जा रहा है कि कल सुबह शास पार्टी के कोटे से बने मंत्री अपना इस्तीफा दे सकते हैं.

शास पार्टी ने दो दिन पहले ही ऐलान किया था कि अगर हरेदी ड्राफ्ट बिल लागू नहीं होता है तो वह सरकार से अलग हो जाएंगे. शास पार्टी के समाचार पत्र हैडेरेच ने इस संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और अभी तक बिल लागू न करने का आरोप लगाया है. दोनों ही दलों के पास इजराइल में 18 सीटें हैं, इनमें UTJ सरकार और गठबंधन दोनों से अलग हो चुकी है, जबकि शास ने सिर्फ सरकार से अलग होने का फैसला लिया है, संसद में वह अभी गठबंधन के साथ ही रहेगी.

क्या है पूरा विवाद?

इजराइल में हरेदी ड्राफ्ट बिल पर बवाल मचा है. दरअसल हरेदी यहूदियों का ही एक धार्मिक समुदाय होता है. इजराइल में नियम है कि 18 साल पूरा करने वाले हर युवा को सेना में सेवा देनी होगी, लेकिन हरेदी यहूदियों पर ये नियम लागू नहीं होता. पिछले दिनों देश की शीर्ष अदालत में ये मामला पहुंचा था, जहां कोर्ट ने कहा कि हरेदी यहूदियों को भी सेना में भेजा जाए. सरकार ने इसका तोड़ निकालने के लिए एक बिल बनाया, जिसे हरेदी ड्राफ्ट बिल नाम दिया गया है. यह बिल लागू होने पर हरेदी यहूदियों को सेना में सेवा देने से छूट मिल जाएगी. इसीलिए सरकार में शामिल हरेदी पार्टियां लगातार इस बिल को पारित करने का दबाव नेतन्याहू पर बना रहे थे.

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अल्पमत का संकट, मगर नेतन्याहू की कुर्सी बची रहेगी

इजराइल में कुल 120 सीटे हैं, ऐसे में यहां बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है. वर्तमान में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने ओमा यहूदी, शास, UTJ और Noam और ओज्मा यहूदी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई है. ऐसे में नेतन्याहू के पास अब तक 68 सीटों के साथ बहुमत था. गठबंधन में शास के पास 11 सीट हैं, जबकि UTJ के पास 7 सीटें हैं. UTJ ने नेतन्याहू की लिकुड पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया है, हालांकि शास पार्टी ने सिर्फ सरकार से अलग हटने का फैसला लिया है, यानी वह गठबंधन में रहेगी, जिससे 68 सीटों में से सिर्फ UTJ की 7 सीटें ही कम होंगीं, सरकार बनाने के लिए जरूरी 61 सीटें अभी भी सत्ताधारी गठबंधन के पास हैं, जिससे नेतन्याहू की कुर्सी फिलहाल बची रहेगी.

सरकार से अलग होने के लिए लिकुड जिम्मेदार

सत्तारूढ टोरा संतों की परिष्ज्ञद की बैठक के बाद शास पार्टी ने सरकार से बाहर होने के लिए लिकुड पार्टी को जिम्मेदार ठहराया. धार्मिक सेवा मंत्री माइकल मल्कीली ने कहा कि हरेदी यानी येशिवा छात्रों का सरकार उत्पीड़न कर रही है. उन्होंने कहा कि नेसेट विदेश मामलों और रक्षा समिति के अध्यक्ष एडेलस्टीन ने जो हरेदी ड्राफ्ट बिल बनाया है उसमें वादों को पूरा नहीं किया गया है, यह येशिवा छात्रों का उत्पीड़न है. मल्कीली ने घोषणा की कि उनकी पार्टी येशिवा छात्रों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी. उन्होंने शास पार्टी के प्रतिनिधियों से सरकार में अपने सभी पदों को तत्काल छोड़ने के निर्देश दिए. हालांकि वह UTJ की तरह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे, सिर्फ सरकार से ही अलग होंगे.

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