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नरसिंह जयंती 2025: श्री हरि के चौथे अवतार के प्रकट होने का खास दिन, जानें तिथि,मुहुर्त,पूजा विधि,महत्व

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May 8, 2025    150821 views     Online Now 489

नरसिंह जयंती 2025: नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के भयंकर अर्ध-सिंह अवतार का प्रतीक है. इस दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार की पूजा की जाती है. नरसिंह जयंती इस बार 10 मई को मनाई जाएगी. ये पर्व बुराई पर भक्ति की जीत को दर्शाता है और भक्तों को आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है.

नरसिंह जयंती हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. नरसिंह जयंती, जिसे नरसिंह चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह की पूजा के लिए मनाया जाता है.इस दिन श्री हरि विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया था.

नरसिंह जयंती 2025 की तिथि और समय

मुख्य उत्सव तिथि: शनिवार, 10 मई, 2025

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 01:59 अपराह्न, 10 मई, 2025

चतुर्दशी तिथि समाप्त: 04:31 अपराह्न, 11 मई, 2025

पारण: 04:31 अपराह्न, 11 मई के बाद

शुभ मुहूर्त

सांयकाल पूजा समय: 06:19 अपराह्न से 09:19 अपराह्न (अवधि: 3 घंटे 1 मिनट)

मध्याह्न संकल्प समय: 12:17 अपराह्न से 03:18 अपराह्न

नरसिंह जयंती का महत्व

नरसिंह जयंती भगवान नरसिंह के उस दिव्य स्वरूप की याद दिलाती है, जो अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और राक्षस राज हिरण्यकश्यप का नाश करने के लिए एक खंभे से निकले थे. यह अवतार अहंकार, अत्याचार और बुराई पर भक्ति की विजय का प्रतीक है. भगवान का ये रूप जो आंशिक रूप से मनुष्य, और आंशिक रूप से सिंह है दर्शाता है कि दिव्य शक्तियां मानव तर्क से परे हैं और धर्म की रक्षा के लिए अकल्पनीय तरीकों से प्रकट होती हैं.

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पूजा विधि

इस दिन भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक या अगले दिन पारण के समय तक कठोर उपवास रखते हैं.भगवान नरसिंह की मूर्ति का अभिषेक करके पूजा करके प्रसाद चढ़ाया जाता हैं. इस दिन नरसिंह कवच, विष्णु सहस्रनाम और भागवत अध्यायों का पाठ करना अत्यधिक पुण्यदायी माना जाता है.शाम का समय भगवान नरसिंह की पूजा के लिए सबसे शुभ समय है. इस दिन रात्रि जागरण का भी महत्व है.

पारण

चतुर्दशी तिथि समाप्त होने के अगले दिन पंचमी को व्रत का समापन किया जाता है.

इस दिन का आध्यात्मिक लाभ

नकारात्मक ऊर्जा और भय दूर होता है.

शत्रुओं और बुरे प्रभावों से सुरक्षा मिलती है.

ईमानदारी से की गई प्रार्थना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

शांति, शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है.

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