
पुलिस ने एंबुलेंस से शराब के कार्टून बरामद किए हैं.
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी तस्कर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. उनके जरीए नए-नए तरीकों से शराब की तस्करी की जा रही है. इस बार तस्करों ने ऐसी जुगाड़ लगाई, जिसके खुलासे पर पुलिस भी हैरान रह गई. मामला मुजफ्फरपुर का है, जहां तस्कर एंबुलेंस में मरीज की जगह शराब की खेप ढोह रहे थे. पुलिस ने पश्चिम बंगाल से आई एंबुलेंस की जांच की तो उसकी छत में बने तहखाने से शराब के कार्टून बरामद हुए.
मुजफ्फरपुर पुलिस ने एक ऐसा एंबुलेंस पकड़ा है, जिसमें मरीज की जगह शराब की बोतलें निकली. उत्पाद विभाग की टीम ने जिले के सदातपुर से एंबुलेंस को पकड़ा है. पुलिस को पहली बार तो एंबुलेंस में कुछ नहीं दिखा. लेकिन, मुखबिर की मिली सूचना पक्की थी, इसपर पुलिस ने एंबुलेंस को दोबारा चेक किया. फिर जो तस्वीर दिखी वो हैरान करने वाली थी. एंबुलेंस की छत पर एक तहखाना बनाया गया था. उसमे शराब छिपा कर रखा गया था. ताकि किसी को नजर उसपर नही पड़े.
एंबुलेंस की छत पर बना रखा था गुप्त तहखाना
पुलिस की टीम ने जब इस तहखाने को खुलवाया तो उसके अंदर से भारी मात्रा में शराब की कार्टून निकलने लगे. आमतौर पर गाड़ियों के अंदर या नीचे तहखाना बनाकर शराब की तस्करी के मामले आते रहते थे. लेकिन इस बार एंबुलेंस की छत पर ही तहखाना बना दिया गया था ताकि कोई पकड़ न पाए. उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि डीएम के आदेश पर हर दिन जिले में रेड की जाता है. इसी दौरान सूचना मिली कि एक एम्बुलेंस से सिल्लीगुड़ी से शराब की खेप आने वाली है.
पश्चिम बंगाल से लाई गई थी शराब
सूचना के बाद सदातपुर शिव नगर में एम्बुलेंस खड़ा पाया. मौके से एम्बुलेंस चालक अनीश पुलिस को देखकर भागने लगा. उसे पकड़कर तलाशी ली गई. एम्बुलेंस की छत को हिडेन बॉक्स (गुप्त तहखाना) में शराब पाया गया. शराब पश्चिम बंगाल निर्मित है. पूछताछ के दौरान चालक ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से विदेशी शराब की खेप को लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचा. शराब की खेप को डिलीवर करना था.
दो बड़े शराब तस्करों के आए नाम
उत्पाद इंस्पेक्टर ने बताया कि पकड़ा गया एंबुलेंस चालक पहले भी सिलीगुड़ी से विदेशी शराब की खेप को ला चुका है. चालक ने उत्पाद टीम को दो बड़े शराब कारोबारी सन्नी राय और मजहर के भी नाम बताए हैं, जो शराब का सिंडीकेट चलाता है. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. उन्होंने बताया कि पुलिस को चकमा देने के लिए तस्कर कभी एम्बुलेंस कभी पुलिस वाहन कभी प्रेस वाहन का उपयोग करते है ताकि शक न हो.
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