एशिया के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी अब अंडरगार्मेंट बनाने की इंडस्ट्री में एंट्री करने जा रहे हैं. इसके लिए मुकेश अंबानी कि कंपनी ने इजराइल की एक कंपनी के साथ हाथ मिलाया है. मुकेश अंबानी के इस कदम से रिलायंस इंडस्ट्रीज को जॉकी और Levi’s, स्पीडो जैसे मल्टीनेशनल ब्रांड से कड़ी टक्कर मिलेगी. इस बिजनेस के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इजराइल की डेल्टा गैलिल नाम की कंपनी के साथ जॉइंट वेंचर किया है. यह दुनिया की इनरवियर प्रोडक्ट बनाने में वाली बड़ी कंपनियों में शामिल है. ऐसे में अब रिलायंस इजराइल की इस कंपनी की मदद से इनवियर को न केवल डिजाइन करेगी, बल्कि अपने ग्लोबल ब्रांड को बेचेगी भी.
मौजूदा समय में डेल्टा गैलिल ग्लोबल लेवल पर कई मल्टीनेशनल ब्रांड जैसे कैल्विन क्लेन, टॉमी हिलफिगर, कोलंबिया जैसे ब्रांड्स के साथ लाइसेंसधारक है. इसके अलावा इसने हाल ही में एडिडास और पोलो राल्फ लॉरेन के साथ भी एक एग्रीमेंट पर साइन किए हैं. आइए डिटेल में जानते हैं मुकेश अंबानी और डेल्टा गैलिल के जॉइंट वेंचर के बारे में…
क्या है मुकेश अंबानी का प्लान
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, दोनों कंपनियों की बराबर की हिस्सेदारी ने बना जॉइंट वेंचर मौजूदा रिलायंस ब्रांडों के लिए इनरवियर बनाएगा और डेल्टा के अपने खुद के ब्रांड जैसे 7 For All Mankind और Necessities के ग्लोबल पोर्टफोलियो को भी भारत लाएगा. डेल्टा गैलिल कंपनी कई मल्टीनेशन ब्रांड के साथ काम करती है. कंपनी के दुनिया के तीन अलग-अलग देशों में आरएंडडी सेंटर हैं. कंपनी इजराइल में फैब्रिक इनोवेशन, ओरेगन में सॉक्स और चीन में महिलाओं के इनरवियर बनाने पर फोकस करती है. कंपनी के पास 7 रजिस्टर्ड पेटेंट, 12 पेंडिंग पेटेंट और 8 एक्टिव टेक ट्रेडमार्क हैं.
बिजनेस फैला रही है रिलायंस
रिलायंस रिटेल ने पिछले कुछ साल में कई ग्लोबल और घरेलु इनरवियर रिटेलर्स और ब्रांड का अधिग्रहण किया है. इनमें Clovia, Zivame और Amante जैसे ब्रांड्स शामिल हैं. इन तीनों ने FY 2023-2024 में कुल दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री की थी. वजीर एडवाइजर्स के अनुसार भारत में इनरवियर सेगमेंट ने साल 2013 से 2023 तक 61 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की है. अडवाइजर के मुताबिक साल 2025 में इसके 75466 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. जिसमे महिलाओं के इनर और कम्फर्ट वियर का मौजूदा मार्केट 60 फीसदी हिस्सा रखते हैं. इसके बाद पुरुषों का 30 फीसदी हिस्सा है और बाकी हिस्सा बच्चों के कपड़ों का है.
क्यों डिमांड बढ़ेगी?
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, महिलाओं में मध्यम और प्रीमियम सेगमेंट में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है. इसका कारण है कि उनकी खर्च करने लायक इनकम ज्यादा है. साथ ही महिलाएं कम्फर्टेबल और स्टाइलिश इनरवियर पहनना पसंद करती हैं. इसके अलावा फैशन के लिए बढ़ती रूचि के कारण पुरुष सेगमेंट में भी तेजी से विस्तार हो रहा है.
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