
धर्मेंद्र ओझा, भिंड। हाईवे चौड़ीकरण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारी को रात के अंधेरे में पुलिस प्रशासन ने न सिर्फ जबरन हटा दिया बल्कि टेंट और बैनर भी उखाड़ दिए। आंदोलनकारियों को पुलिस वाहन में बैठाकर आगे छोड़ दिया। आंदोलनकारियों का कहना है पुलिस के दमन के बाद भी भूख हड़ताल जारी रहेगी।
फोर या सिक्स लेन में तब्दील किया जाए
शहर के सुभाष तिराहे पर सड़क किनारे टेंट लगाकर ग्वालियर इटावा नेशनल हाईवे चौड़ीकरण की मांग को लेकर शनिवार सुबह से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर दीपक शर्मा और उनके आधा दर्जन साथी बैठे थे। उनकी मांग थी कि ग्वालियर-इटावा नेशनल हाईवे 719 पर भिंड जिले की सीमा मालनपुर से लेकर चंबल पुल तक 60 किलोमीटर के दायरे में सड़क हादसों में हर साल सैकड़ों लोग जान गंवाते हैं लिहाजा इसको फोर लेन अथवा सिक्स लेन में तब्दील किया जाए। जब तक इसकी विधिवत अधिसूचना जारी नहीं होती तब तक वह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों के इशारे पर हटाया
हड़ताल को पहले दिन ही पार्षदों का समर्थन मिला। बीते सप्ताह भिंड में हुए दो सड़क हादसों में 12 लोगों की जान चली गई थी और 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिसको लेकर जिलेभर में आक्रोश व्याप्त है। दीपक शर्मा का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से भूख हड़ताल पर बैठे थे, पुलिस और जिला प्रशासन ने उन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के इशारे पर रात के अंधेरे में गुंडागर्दी कर जबरन हटाया है। उनको और उनके साथियों को जबरन पुलिस वाहन में बैठाकर आगे ले जाकर छोड़ दिया। इसके बाद भी वे अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
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