हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिला एवं सत्र न्यायालय ने पुलिस की धांधली का पर्दाफाश किया है. रात के समय शहर के प्रमुख चौराहों पर ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में पुलिस प्रभावशाली लोगों को पकड़ती थी, लेकिन बाद में चालान उनके ड्राइवर या नौकर के नाम पर बना दिए जाते थे. प्रधान न्यायाधीश बीपी शर्मा के निर्देश पर की गई जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया.
जांच में पाया गया कि पुलिस असली आरोपियों को बचाने के लिए चालान में हेरफेर कर रही थी. JMFC जय कुमार की अदालत ने एमजी रोड पुलिस को आदेश दिया है कि पुलिस उपायुक्त जोन-2, लसूड़िया थाना प्रभारी, SI राहुल डाबर और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाए.
जांच में ये मामले आए सामने
केस-1 : लसूड़िया थाने के SI राहुल डाबर ने अविनाश दुबे के खिलाफ शराब के नशे में गाड़ी चलाने का चालान बनाया था. लेकिन अदालत में चालान रितेश नाम के व्यक्ति के खिलाफ पेश किया गया. पुलिस अधिकारी ने अपनी लिखावट से इनकार कर दिया.
केस- 2 : लसूड़िया पुलिस ने अभिषेक सोनी और कुलदीप बुंदेला को शराब के नशे में गाड़ी चलाने का मामला बनाया था. लेकिन अदालत में चालान पेश करते समय अभिषेक का नाम गायब था और कुलदीप की जगह किसी और को आरोपी बना दिया गया.
कोर्ट का आदेश
जांच के बाद अदालत ने पाया कि पुलिस कई मामलों में इसी तरह की धांधली कर रही थी. अदालत ने एमजी रोड पुलिस को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इस खुलासे ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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