शंकर राय, भैंसदेही (बैतूल)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के भैंसदेही में एक आदिवासी युवक की पुलिस अभिरक्षा में मौत होने का मामला सामने आया है। घटना जिले के भैसदेही थाना इलाके की है, जहां धारा 151 के तहत पिपलना खुर्द निवासी राहुल जावरकर नाम के युवक को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद एसडीएम न्यालय पेश किया था। जहां एसडीएम ने राहुल की जमानत खारिज कर उसका जेल वारंट काट दिया था।
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जेल वारंट काटने के बाद युवक का शासकीय अस्पताल में मेडिकल करवाया गया। युवक ने पेट दर्द होने की शिकायत की थी। जिसके बाद उसे वापस थाने लाया गया। जहां फिर से पेट दर्द की शिकायत होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। इधर मृतक के परिजन इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर मुवावजे की मांग कर रहे है।
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परिजनों का कहना है कि राहुल को धारा 151 के तहत गिरफ्तार करने के बाद एसडीएम न्यालय पेश किया था, एसडीएम न्यायालय से उसकी जमानत खारिज कर दी थी। जबकि धारा 151 जमानती धारा होती है फिर भी इसे जमानत नही दी गई। पुलिस ने उसे थाने लाया था जहां पेट दर्द होने के कारण उसे अस्पताल भर्ती किया गया वहां उसकी मौत हो गई। मृतक युवक की बहन का कहना है कि उसके भाई को अगर कल जमानत मिल जाती तो शायद उसकी मौत नही होती। मृतक की बहन ने कहा, मेरा भाई एक लेडिस को छोड़ने गया था, अगर किसी को छोड़ने की सजा मौत होती है तो गलत है। कल से कोई भी किसी महिला की मदद नहीं करेगा।
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मृतक युवक के पिता का कहना है कि उसके बेटे को किसी तरह की कोई भी बीमारी नहीं थी। उसे तो जिस महिला को छोड़ने गया था उसके पति ने झूठी शिकायत कर उसे फंसाया था। मेरे दो बेटे थे जिसमें से एक बेटे की मौत हो गई है। राहुल हमारा सहारा था समय पर अगर एचडी मैडम जमानत दे दी थी तो शायद उसकी मौत नहीं होती और जिस महिला के पति ने उसके खिलाफ शिकायत की थी अगर वह शिकायत नहीं करते तो शायद उनका बेटा जिंदा रहता। इस मामले में वह चाहते हैं कि उस महिला के पति के खिलाफ और जो एसडीएम मैडम हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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