मोरिंगा की फली के साथ ही इसकी पत्तियां भी काफी फायदेमंद होती हैं. साउथ इंडिया में सांभर में ड्रमस्टिक का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. वहीं साउथ इंडिया में इसकी खेती भी काफी ज्यादा की जाती है. इसके अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी आपको सहजन के पेड़ देखने को मिल जाएंगे. हेल्थ लाइन के मुताबिक, एक कप तकरीबन 21 ग्राम मोरिंगा में 2 ग्राम प्रोटीन, डेली रूटीन की जरूरत का 19 प्रतिशत विटामिन बी6, 12 प्रतिशत विटामिन सी, 11 प्रतिशत आयरन, 9 प्रतिशत विटामिन ए और 8 प्रतिशत मैग्नीशियम समेत कई पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं. ये फली कई प्लांट कंपाउंड से भी भरपूर होती है. पीएम मोदी को भी मोरिंगा का पराठा पसंद है. चलिए जान लेते हैं इसका अचार कैसे बनाया जा सकता है.
मोरिंगा की सब्जी काफी कम लोग खाना पसंद करते हैं, जबकि ये एक एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर पावरफुल सब्जी है और ब्लड शुगर कंट्रोल से लेकर इंफ्लामेशन को कम करने, कोलेस्ट्रॉल मैनेज में हेल्पफुल होने से लेकर कई तरह से फायदेमंद है. आपको सब्जी नहीं पसंद है तो मोरिंगा का अचार बनाकर खा सकते हैं. जान लेते हैं इसकी रेसिपी.
मोरिंगा के अचार के इनग्रेडिएंट्स
अचार बनाने के लिए सहजन की फली 300 ग्रा ले लें. इसके अलावा चाहिए होगा एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर, हींग दो-तीन चुटकी, दो चम्मच सौंफ पाउडर, दो से तीन चम्मच धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर एक चौथाई छोटा चम्मच, इतना ही काली मिर्च पाउडर, 2 टेबलस्पून पीली सरसों दरदरी पिसी गई, सरसों का तेल एक चौथाई कप. स्वाद के मुताबिक नमक और एक छोटा चम्मच विनेगर (ऑप्शनल है शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए).
अचार बनाने की तैयारी
सबसे पहले सहजन की फलियों को धोने के बाद हल्का सुखा लें और फिर एक से डेढ़ इंच की लंबाई में काट लें. इसके बाद इसमें एक छोटा चम्मच नमक मिलाकर किसी जार में बंद कर दें और दो से तीन दिन तक रोजाना इसे एक से दो बार ऊपर से नीचे चलाते रहें. इस तरह से फलियां तैयार हो जाएंगी.
ऐसे तैयार करें अचार
सरसों के तेल के पैन में गर्म करें और फिर गैस को ऑफ कर दें. तेल जब ठंडा हो जाए तो इसमें हींग, सौंफ, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, सरसों का पाउडर, काली मिर्च पाउडर, और नमक मिला दें. अब इस मसाले में सहजन की फलियां डालकर अच्छी तरह से मिलाएं. सिरका भी एड करना हो तो मिला दें. तैयार है आपका सहजन की फली का अचार.
ऐसे करें अचार को स्टोर
सहजन की फलियों के अचार को किसी कांच के कंटेनर में भर दीजिए और जार के मुंह पर ढक्कन की बजाय एक साफ सूती कपड़ा बांध दीजिए. इस अचार में थोड़ा और सरसों का तेल गर्म करके ठंडा करने के बाद ए़ड कर दीजिए ताकि फलियां अच्छे से डूब जाएं. इसे कम से कम तीन से चार दिनों तक लगातार हर दिन चम्मच डालकर हिलाते रहें. इसके बाद डिब्बे को बंद कर दें.
ये रहे शेल्फ लाइफ बढ़ाने के टिप्स
जिस कंटेनर का यूज कर रहे हैं उसे धोने के बाद अच्छी तरह से सुखा लें. इसे धूप दिखा सकते हैं ताकि बिल्कुल नमी न रहे. अचार निकालने के लिए हमेशा सूखी चम्मच का इस्तेमाल करें. ये अचार कम से कम 2 से 3 महीने तक खराब नहीं होता है.
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