![27 दिन में दूसरा झटका....भतीजे आकाश आनंद को कौन सा संदेश देना चाहती हैं मायावती? 27 दिन में दूसरा झटका....भतीजे आकाश आनंद को कौन सा संदेश देना चाहती हैं मायावती?](https://achchhikhabar.in/wp-content/uploads/2025/02/mayawati-akash-aanand.jpg)
मायावती और आकाश आनंद.
मायावती ने अपने भतीजे और उत्तराधिकारी आकाश आनंद को बैक-टू-बैक दूसरा बड़ा झटका दे दिया है. पहले छोटे भतीजे ईशान आनंद को बीएसपी की बैठक में एंट्री करा अब आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. मायावती का कहना है कि अशोक पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे.
आकाश के राजनीति में आने के बाद से ही अशोक उनके मुखर पैरोकार माने जा रहे थे. 2023 में आकाश ने अशोक की बेटी से शादी भी कर ली. इस शादी में खुद मायावती अपनी पसंदीदा पिंक ड्रेस पहनकर पहुंचीं थीं.
आकाश को लेकर मायावती के मन में क्या है?
आकाश आनंद 2019 में सक्रिय तौर पर राजनीति में आए. 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आकाश आनंद एक्टिव रहे, लेकिन बीएसपी का जनाधार सिमट गया. 2024 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने यूपी, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में उम्मीदवार उतारे, लेकिन पार्टी को सफलता नहीं मिली.
बीच चुनाव में ही मायावती ने आकाश को साइड लाइन कर दिया था. मायावती ने आकाश को अनमैच्योर बताया था. हालांकि, लोकसभा के तुरंत बाद आकाश की बीएसपी में दमदार वापसी हो गई, लेकिन पिछले दिनों आकाश को तब झटका लगा, जब मायावती के साथ आकाश के छोटे भाई ईशान को देखा गया.
ईशान बीएसपी की मीटिंग में आगे की कुर्सी पर नजर आए थे. ईशान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं चल ही रही थी कि बीएसपी सुप्रीमो ने अशोक सिद्धार्थ को बाहर निकालने का फरमान सुना दिया.
मायावती ने पोस्ट लिखकर कहा है कि अशोक और उनके करीबी नितिन पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे थे. कहा जा रहा है कि मायावती अशोक पर पैरलल नेताओं के मुलाकात को लेकर नाराज चल रही थीं. हालांकि, अशोक ने अब तक निलंबन को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं की है.
आकाश नहीं हो पा रहे सफल, चंद्रशेखर का खतरा
मायावती के भतीजे आकाश आनंद सियासी तौर पर सफल नहीं हो पा रहे हैं. आकाश सोशल मीडिया पर तो जरूर एक्टिव हैं, लेकिन बहनजी का खोया हुआ जनाधार वापस नहीं ला पा रहे हैं. यूपी के साथ-साथ हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में आकाश कोई करिश्मा नहीं कर पा रहे हैं.
इसके उलट आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर का सियासी दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं, बीएसपी में भी नेताओं के पलायन की रफ्तार तेज है.
मायावती के इन फैसलों को आकाश को अलर्ट के तौर पर देखा जा रहा है. यूपी में 2 साल बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं. अगर मायावती की पार्टी को 2027 के चुनाव में संजीवनी नहीं मिलती है, तो उसके लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली है.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login