
मां दुर्गा पूजा
हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है और यह दिन उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन दान-पुण्य करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं, जीवन के कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. मासिक दुर्गाष्टमी पर दान करने के लिए कुछ विशेष चीजें हैं, जिन्हें मां दुर्गा को अत्यंत प्रिय माना जाता है.
द्रिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 2 जुलाई दिन बुधवार को सुबह 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 3 जुलाई दिन गुरुवार को दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत गुरुवार, 3 जुलाई को ही रखा जाएगा और पारण अगले दिन 4 जुलाई दिन शुक्रवार को किया जाएगा.
मां दुर्गा को लाल रंग अत्यंत प्रिय है, क्योंकि यह शक्ति, ऊर्जा, प्रेम और शुभता का प्रतीक है. लाल वस्त्र या लाल चुनरी का दान करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को धन-धान्य, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. किसी कन्या को, सुहागिन महिला को या मंदिर में मां दुर्गा को अर्पित करने के लिए दान करें.
- श्रृंगार सामग्री: मां दुर्गा स्वयं शक्ति और सौंदर्य का स्वरूप हैं, और उन्हें श्रृंगार की सामग्री अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. सुहागिन महिलाएं यदि इस दिन मां दुर्गा को या किसी सुहागिन स्त्री को सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां (विशेषकर लाल चूड़ियाँ), मेहंदी, बिंंदी, काजल, महावर, चुनरी आदि श्रृंगार सामग्री दान करती हैं, तो उन्हें अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है. घर में लक्ष्मी का वास होता है.
- घी: घी शुद्धता, पवित्रता और संपन्नता का प्रतीक है. इसे दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घी का दान करने से कुंडली में सूर्य, चंद्र, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, जिससे जीवन में समृद्धि और संपन्नता आती है. शुद्ध गाय का घी किसी मंदिर में दान करें, या किसी गरीब परिवार को दें ताकि वे उससे भोजन बना सकें.
- जौ: जौ को सृष्टि का प्रतीक और अत्यंत पवित्र अनाज माना जाता है. इसे देवी-देवताओं को चढ़ाने से उनकी कृपा मिलती है. जौ का दान करने से घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती, और समृद्धि बनी रहती है. यह बृहस्पति ग्रह को भी मजबूत करता है. जौ का दान मंदिर में या किसी ब्राह्मण को करें.
- मीठा भोजन (खीर या हलवा): मां दुर्गा को मीठा भोजन प्रिय है, खासकर खीर और हलवा. घर पर बना शुद्ध हलवा या खीर कन्याओं को खिलाएं या गरीबों में वितरित करें. इससे मां दुर्गा प्रसन्न होकर धन-धान्य में वृद्धि करती हैं और जीवन के कष्टों को दूर करती हैं.
- अन्न दान (विशेषकर चावल या गेहूं): किसी भी प्रकार का अन्न दान सबसे बड़ा दान माना जाता है. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन अन्न दान करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है और बरकत बनी रहती है. किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति या परिवार को अन्न दान कर सकते हैं.
इन बातों का रखें खास ध्यान
मासिक दुर्गाष्टमी के मौके पर दान हमेशा स्वच्छ मन और पूरी श्रद्धा के साथ करें. दान करते समय सकारात्मक भावनाएं रखें और किसी तरह का अहंकार न हो. किसी भी दान की वस्तु को छूने से पहले स्नान करके शुद्ध हो जाएं. यह दान गुप्त रूप से किया जाए तो इसका फल अधिक मिलता है.
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