ढेंकनाल। ओडिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की लत बढ़ने से चिंता बढ़ी है, लेकिन राज्य सरकार ने ढेंकनाल जिले में हाल ही में दो से अधिक लोगों की कथित तौर पर जहरीली शराब से मौत की खबरों को खारिज कर दिया है. आबकारी मंत्री प्रिथ्वीराज हरिचंदन ने सोशल मीडिया पर फैली फर्जी जानकारी को आधारहीन करार देते हुए कहा कि ढेंकनाल जिले के रसोल क्षेत्र में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत की खबर पूरी तरह गलत है.

मंत्री ने कहा, “गुमराह करने वाली जानकारी लोगों तक पहुंच रही है, जिसमें सोशल मीडिया और पत्रकार दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं. सौभाग्य से, मीडिया ने यह जानने के बाद इस खबर से दूरी बना ली कि मौतें शराब से संबंधित नहीं थीं. मृतक किडनी रोग से पीड़ित मरीज थे.” उन्होंने बताया कि चार दिन पहले जिला आबकारी अधीक्षकों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को शराब चोरी और नकली शराब के अवैध व्यापार से निपटने के लिए पूर्ण स्वायत्तता दी गई है और उन्हें सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
रसोल में दो मौतें, ग्रामीणों का आरोप
शनिवार को रसोल में कथित तौर पर नकली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान बम्फा गांव के मनमथा सामल (45-55 वर्ष) और प्रफुल्ल सामल के रूप में हुई. दोनों ने शराब पीने के बाद सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द की शिकायत की थी. उन्हें तुरंत हिंदोल अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जहरीली शराब के सेवन से उनकी मृत्यु हुई, क्योंकि ग्रामीणों ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र में कई लोग शराब विषाक्तता से मरे हैं. ग्रामीणों और स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले 10 दिनों में कम से कम सात लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई, जबकि कई अन्य गंभीर हालत में हैं.
अवैध शराब व्यापार पर कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में फलते-फूलते अवैध शराब व्यापार की शिकायतों के बावजूद प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. सामाजिक कार्यकर्ता बिब्हु रथ ने कहा, “अधिकारी गांवों में सस्ती शराब के व्यापार से अवगत हैं, फिर भी पिछले एक सप्ताह में 5-6 मौतों के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया.” एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि बम्फा गांव की महिलाएं लंबे समय से इस मुद्दे की शिकायत कर रही हैं, लेकिन उनकी बात अनसुनी हो रही है.विपक्षी सदस्यों और एक तथ्य-खोज टीम ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. पूर्व बीजेडी सांसद महेश साहू ने कहा कि अवैध शराब का कारोबार केवल इसलिए फल-फूल रहा है क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह हैं. उन्होंने चेतावनी दी, “अगर आबकारी विभाग इस समस्या से निपटने और नकली शराब के काले बाजार पर कार्रवाई नहीं करता, तो और मौतें होंगी और बड़ी त्रासदियां आएंगी.
दूसरी ओर, आबकारी निरीक्षक कुलमणि महाराना ने दावों को खारिज करते हुए कहा कि विभाग सतर्क है और तीन टीमों ने नकली शराब व्यापार से जुड़े पांच से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की आगे जांच जारी है.
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