ममता बनर्जी ने अपनी पुस्तक में कांग्रेस नेतृत्व पर फिर उठाए सवाल.
लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन की विफलता के बाद उसके अस्तित्व को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं. सहयोगी पाटियां तृणमूल कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी, एनसीपी ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर सीधा सवाल उठाते हुए नेतृत्व को चुनौती दी थी और कहा था कि यदि उन्हें अवसर दिया गया तो वह इंडिया गठबंधन को नेतृत्व करने को तैयार हैं.
अब एक बार फिर ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन को लेकर सवाल उठाया है. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष पुस्तक मेले में एक नई पुस्तक का विमोचन किया. उन्होंने बांग्ला में लिखे पुस्तक ‘ बांग्लार निर्वाचन और आमरा (बंगाल चुनाव और हम) में कांग्रेस पर एक के बाद एक हमले किए.
उन्होंने लिखा कि गठबंधन की विफलता के पीछे अखिल भारतीय कांग्रेस मुख्य दोषियों में से एक थी. उन्होंने कांग्रेस को सभी क्षेत्रों में भारतीय गठबंधन की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया है, चाहे वह विधानसभा हो या लोकसभा.
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कांग्रेस की विफलता के कारण इंडिया गठबंधन बिखरा
मुख्यमंत्री ने लिखा, “कांग्रेस ने जो सीटें जीती हैं, वे भी उसके सहयोगियों बदौलत जीती है. कांग्रेस की विफलता के कारण इंडिया गठबंधन बिखर गया है भले ही कांग्रेस को चेयरमैन बना दिया गया हो, लेकिन कांग्रेस ने किसी भी चुनाव में एक भी न्यूनतम कार्यक्रम नहीं लिया.”
सिर्फ राष्ट्रीय राजनीति ही नहीं, मुख्यमंत्री बंगाल चुनाव में कांग्रेस की भूमिका से भी नाखुश हैं. अपनी पुस्तक में उन्होंने कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए उसे ‘राम-वाम-श्याम गठबंधन’ बताया. बंगाल ने भाजपा के खिलाफ भी यही तोप चलाई. अपनी पुस्तक में उन्होंने दावा किया है, “भाजपा ने बंगाल से जो कुछ सीटें जीतीं, उनमें भी धांधली हुई थी.”
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ने ऐसी टिप्पणी की हो. उन्होंने पहले भी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाई थी. राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस से हाथ मिलाने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस का सार्वजनिक रूप से आलोचना करना बंद नहीं किया है.
उनका स्पष्ट दावा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय या क्षेत्रीय राजनीति में विपक्षी दल के रूप में अपना अस्तित्व खो चुकी है. यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दावा है कि पिछले साल कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय गठबंधन के खराब प्रदर्शन का एक कारण कांग्रेस ही है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में दरार
संसद के शीतकालीन सत्र के बाद से तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से दूरी बनाई रखी और कांग्रेस के अलग संसद में आवाज उठाई. अब इंडिया गठबंधन में पैदा हुई दरारें जनता के सामने स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन की दरार सामने आ गई है. इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टियों ने कांग्रेस के बजाय आप को समर्थन देने का ऐलान किया है.
कांग्रेस चुनाव में अलग-थलग पड़ गयी है. तृणमूल कांग्रेस ने भी आप को समर्थन देने का ऐलान किया है. अब कांग्रेस ने भी चुनाव के दौरान आप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इंडिया गंठबंधन की दो सहयोगी पार्टियां दिल्ली चुनाव में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं.
हालांकि, बंगाल कांग्रेस नेता सौम्या आइच रॉय मुख्यमंत्री की किताब में लिखी ऐसी टिप्पणियों के लिए तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच बने गठबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनके शब्दों में, “इंडिया गठबंधन में बने रहने के लिए किसी तरह की कोशिश नहीं की है. वास्तव में, वह भाजपा को खुश करने के लिए ऐसा कह रही हैं.
इनपुट-टीवी9 बांग्ला
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