• Wed. Apr 16th, 2025

महाकुंभ में वीकेंड पर उमड़ी भीड़, 24 घंटे में 1.36 करोड़ लोग पहुंचे संगम, अब तक 53 करोड़ ने लगाई डुबकी

ByCreator

Feb 16, 2025    150824 views     Online Now 240
महाकुंभ में वीकेंड पर उमड़ी भीड़, 24 घंटे में 1.36 करोड़ लोग पहुंचे संगम, अब तक 53 करोड़ ने लगाई डुबकी

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ में अखाड़ों के जाने के बाद भी श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हो रही. रविवार को ही एक करोड़ 36 लाख लोग संगम पहुंचे. यह स्थिति उस समय है जब इस रविवार कोई स्नान पर्व भी नहीं था. इस प्रकार 13 जनवरी से आयोजित हो रहे महाकुंभ में अब तक संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्या 52.83 करोड़ के पार हो गई है. यह जानकारी मेला प्रशासन ने दी. महाकुंभ प्रशासन को रविवार को आने वाली इस भीड़ की उम्मीद नहीं थी. लेकिन दोपहर तक लोगों का तांता देखकर प्रशासन के हाथ पांव फुल गए. गनीमत रही कि आज का स्नान निर्विघ्न संपन्न हो गया.

महाकुंभ मेला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक रविवार की शाम 7 बजे तक महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 52.83 करोड़ पहुंच गया. महाकुंभ मेला के एडीएम विवेक चतुर्वेदी के मुताबिक एक दिन में 1.36 करोड़ लोगों की संगम में मौजूदगी बड़ी बात है. यह आंकड़ा इसलिए भी बड़ा है कि आज कोई स्नान पर्व भी नहीं था. उन्होंने बताया कि शनिवार की शाम तक महाकुंभ में 51.47 करोड़ से अधिक लोग पहुंच कर श्रद्धा की डुबकी लगा चुके थे. वहीं 1.36 करोड़ लोग रविवार को पहुंचे.

इन देशों की आबादी से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी

यूएस सेंसस ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) शामिल हैं. जबकि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब तक 53 करोड़ के पार है. इस आधार पर देखा जाए तो भारत और चीन को छोड़ कर बाकी देशों की आबादी से अधिक लोगों ने महाकुंभ में डुबकी लगाई है.

See also  हौंडा ने उतरा बाजार में अपना एडिशन स्पोर्ट बाइक

सनातन और युवा की वजह से बदला महाकुंभ का स्वरूप

भारत के इस विराट समागम पर शोध कर रहीं विभिन्न शोध संस्थानों ने अलग अलग रिपोर्ट जारी किया है. महाकुंभ और तीर्थ स्थलों पर शोध कर रहे सरस्वती पत्रिका के संपादक और प्रयाग गौरव पुस्तक के लेखक रवि नंदन सिंह के मुताबिक सत्ता और संस्कृति हमेशा से एक दूसरे को प्रभावित करते रहे हैं. सनातन को केंद्र में रखकर चल रही सत्ता की अभिव्यक्ति भी इस महाकुंभ में देखने को मिली है. दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ के केंद्र में सनातन और युवा दोनों थे.

कई संस्थाओं ने किया महाकुंभ पर शोध

डिजिटल महाकुंभ के संकल्प ने युवाओं को जोड़ने का काम किया. अब तक युवा धर्म और सनातन को लेकर उदासीन या निरपेक्ष था, लेकिन इस महाकुंभ में यह भाव खत्म हुआ है. इसी प्रकार पिलग्रीम सोसाइटी एंड स्ट्डीज ऑफ इंडिया के लेखक प्रो. डीपी दुबे कहते हैं कि इस महाकुंभ में कीर्तिमान के केंद्र में युवा हैं. सनातन की ओर उनका झुकाव देखने लायक रहा.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL