Mahakumbh 2025 KalpavasImage Credit source: Meta AI
Mahakumbh 2025 Kalpavas: महाकुंभ में साधु संतों और कल्पवासियों का जमावड़ा लगा हुआ है. महाकुंभ ही नहीं बल्कि हर साल के माघ मेले में अनेकों साधु संत और अध्यात्मिक लोग कल्पवास करते हैं. कल्पवास एक कठिन तप होता है. कल्पवास में व्यक्ति एक महीने तक कठिन तपस्या और साधना करता है.
किस मकसद से किया जाता है कल्पवास
महाकुंभ या माघ मेले में कल्पवास करने वालों का मकसद होता है कि वो इसके माध्यम से अपनी आत्मा की शुद्ध कर सकें और ईश्वर के करीब जा सकें. लोगों के मन में कल्पवास को लेकर कई सवाल आते हैं. लोग सोचते हैं कि महाकुंभ या माघ मेले के दौरान क्या वो घर पर रहकर भी कल्पवास कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, क्या ऐसा करना संभव है या नहीं.
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घर में कल्पवास करने में कठिनाइयां
कल्पवास वैसे तो सिर्फ महाकुंभ क्षेत्र संगम या किसी पवित्र नदी के किसारे ही किया जा सकता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी वजह से महाकुंभ के क्षेत्र में नहीं पहुंच पा रहा है, तो उसे घर पर कल्पवास करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि कल्पवास के नियम बहुत ही कठोर होते हैं, जिनका पालन घर में करना संभव नहीं हो पाता. हालांकि घर में कल्पवास जैसा जीवन जीने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन ऐसा सिर्फ खास नियमों के पालन के साथ ही किया जा सकता है.
घर में कल्पवास जैसा जीवन जीने के नियम
घर में कल्पवास जैसा जीवन जीना चाहते हैं, तो सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिले पानी से स्नान कर लेना चाहिए. नियमित रूप से पूजा, ध्यान और भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए. सात्विक और शुद्ध भोजन ही खाना चाहिए. कल्पवास का जीवन जीते समय धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए. इस दौरान जरूरतमंदों की सेवा करनी चाहिए. दान-पुण्य करना चाहिए. सुख सुविधाओं से दूरी बनानी चाहिए. अनुशासन में रहना चाहिए. मौन व्रत रखाना चाहिए. अपना समय आत्म चिंतन में व्यतीत करना चाहिए.
कल्पवास के जरूरी नियम
- कल्पवास महाकुंभ क्षेत्र में या किसी पवित्र नदी के तट पर तंबू लगाकर किया जाता है.
- कल्पवास के दौरान रोजाना सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान जरूरी होता है. कल्पवास के दौरान 3 बार स्नान होता है.
- कल्पवास के दौरान सात्विक खाना खाया जाता है. यही नहीं दिन में सिर्फ एक बार खाना खाया जाता है.
- कल्पवास के दौरान रोजाना भगवान की भक्ति और भजन किया जाता है. साधना के समय मौन रहना शुभ होता है.
- कल्पवास के दौरान जमीन पर सोया जाता है. सुख सुविधा से दूरी बना ली जाती है.
- वेदों और धार्मिक ग्रंथों का पाठ किया जाता है.
- सफेद या पीले वस्त्र धारण किए जाते हैं.
- झूठ, क्रोध और हिंसा नहीं की जाती. अनुशासन में रहा जाता है.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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