शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव मतदान को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। एमपी में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा। एमपी में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस अब दमखम लगा रहे हैं। बीते लोकसभा चुनाव में महज एक सीट पर सिमटी कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। ठीक एक सप्ताह बाद प्रदेश के पहले चरण में मतदान की सीट सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा में दो से तीन दिनों के लिए राष्ट्रीय स्तर के अन्य राज्यों के नेता प्रवास करेंगे। साथ ही अंतिम दौर में प्रचार को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।
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सीट का फीडबैक भी केंद्रीय संगठन समेत प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष को देंगे। बताया जा रहा कि इस आधार पर आक्रामक रणनीति के तहत काम किया जाएगा। इसके अलावा मीडिया से भी चर्चा की जाएगी। पदाधिकारियों की माने तो लोकसभा प्रभारियों के साथ आमद दर्ज कराने से कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र में पक्ष में माहौल बनाने की रणनीति पर अमल होगा। अलग-अलग मतदान के चरणों के हिसाब से सभी 29 सीटों पर नई प्लानिंग के तहत कांग्रेस चुनावी मैदान में होगी। कांग्रेस ने दावा किया है कि नई प्लानिंग के इलेक्शन मैनेजमेंट में कांग्रेस 15 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगी।
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उधर, बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ जुमलेबाजी करती है। जिस पार्टी के पास लोकसभा में प्रत्याशियों का टोटा हो, वहां प्रवासी नेताओं की आमद सिर्फ दिखावा है। इस बार हालात ऐसी है कि कांग्रेस को हर सीट पर करारी हार का सामना करना होगा तो बीजेपी कम से कम 6 से 8 लाख के अंतर से जीत दर्ज कराएगी। बीजेपी के प्रत्याशियों के लिए सिर्फ चुनावी दौर में नहीं बल्कि दो माह पहले से प्रवासी नेता अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।
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