सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन लोगों को छत देती है जिनके पास कच्चा मकान या झुग्गी झोपड़ी है. गाजीपुर के खानपुर इलाके में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर पीएम आवास योजना का पात्र लाभार्थी तो अभी भी अपने पुराने कच्चे मकान में रहता है. लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए मकान में शराब की दुकान का संचालन करवाता है. इसके बदले में उसे 1500 रुपए प्रति माह मिलते हैं. यह दुकान 2019 से लगातार संचालित की जा रही थी. वहीं आबकारी नीति की बात करें तो जहां भी शराब की दुकान संचालित होती है उस मकान और उसके चारों तरफ के रकबे को कागजात में मेंशन करने के बाद ही शराब की दुकान संचालित होती है.
विभागीय लापरवाही के कारण पिछले 5 वर्षों से पीएम आवास योजना में मिले घर में शराब की दुकान का संचालन हो रहा है. जिसको लेकर महिलाएं लगातार विरोध करती रही. वहीं एक दिन पूर्व जिलाधिकारी ने इस मामले में संबंधित ग्राम सचिव को निलंबित करते हुए उक्त दुकान को बंद करा दिया. साथ ही आबकारी निरीक्षक को भी जमकर फटकार लगाई गई है.
PM आवास में चल रही थी शराब की दुकान
जनपद में एक दिन पूर्व 49 गांव के ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित करने का मामला सामने आया ही था. वहीं एक गाजीपुर के खानपुर इलाके से चौंकाने वाला मामला सामने आया. जिसमें खानपुर थाना क्षेत्र के सोनियापार गांव में एक शराब की दुकान जो साल 2019 से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में लगातार चल रही थी. इस शराब की दुकान को लेकर महिलाओं ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया लेकिन योगी सरकार के अधिकारी अपने कानों में तेल डालकर सोए हुए थे. प्रतिदिन महिलाओं को उस रास्ते से होकर झिपते हुए जाना पड़ता था, शराब के नशे में लोग महिलाओं और लड़कियों पर छीटाकशी करते थे.
डीएम ने आबकारी निरीक्षक को लगाई फटकार
मंगलवार को जिलाधिकारी सैदपुर इलाके के विकास के कार्यों के निरीक्षण के लिए पहुंची थी. इसी दौरान वह सोनियापार गांव भी पहुंची, जहां पर खुद अपनी आंखों से देखा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में देशी शराब की दुकान एक-दो दिन से नहीं बल्कि पिछले 5 सालों से चलाई जा रही थी. इसके बाद उन्होंने तत्काल आबकारी निरीक्षक को मौके पर बुलाया और फटकार लगाते हुए शराब की दुकान को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया. साथ ही साथ ग्राम सचिव को इस मामले को लेकर निलंबित भी कर दिया और दुकान को बंद कराते हुए दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्देश दिया.
इस दौरान जिला अधिकारी ने ग्राम सचिव को फटकार लगाते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने इस आवास में शराब की दुकान कैसे खुली. जिसका ग्राम प्रधान और सचिव कोई जवाब नहीं दे पाए क्योंकि इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शिकायत भी दर्ज कराई थी. लोगों की शिकायत के बाद बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
PM आवास लाभार्थी को मिलते थे 1500 रुपए
बताते चले कि साल 2016-17 में गांव के ही एक ही शख्स को, जिसका कच्चा मकान था उसे योजना का लाभार्थी बनाते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया था और उस व्यक्ति ने प्रधानमंत्री आवास बनाने के बाद उसमें रहने की बजाय उसे 1500 रुपए प्रति महीने के किराए पर दे दिया था. जिसमें शराब की दुकान का चल रही थी और पीएम आवास योजना का लाभार्थी खुद कच्चे मकान में रह रहा था.
वहीं इस संबंध में आबकारी निरीक्षक राहुल कुमार ने बताया कि एक दिन पूर्व जिला अधिकारी मौके पर पहुंची थीं और उनके निर्देश पर दुकान को तत्काल बंद करा दिया गया. पीएम आवास के लाभार्थी को उस मकान में शिफ्ट कर दिया गया. उन्होंने बताया कि लोगों के द्वारा काफी दिनों से इसका संचालन कराया जा रहा था जिसकी जानकारी नहीं थी.
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