ममता बनर्जी मुश्किल में हैं. कोलकाता रेप मर्डर केस को लेकर वह चौतरफा घिरती नजर आ रही हैं. कानून व्यवस्था पर सवाल के बाद अब भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं. केंद्र के साथ चल रहे शह-मात के इस खेल में CBI के बाद अब ED की एंट्री हो गई है. केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर भले ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज का पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष है, लेकिन निशाना दीदी ही मानी जा रही हैं.
कोलकाता रेप केस को लेकर बीजेपी और टीएमसी में शह मात का खेल चल रहा है. भाजपा की कोशिश है कि वह इस मुद्दे को ममता के खिलाफ बड़ा हथियार बनाए. वहीं ममता चाहती हैं कि वह किसी तरह इस मुश्किल से खुद को निकाल पाएं. दरअसल इस मामले में सबसे ज्यादा सवाल कोलकाता पुलिस पर उठ रहे हैं. बेशक पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन सवाल ये उठते रहे कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. जिन तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही.
ममता ने डैमेज कंट्रोल के लिए शुरुआत में ही तीन दिन के भीतर कोलकाता पुलिस को इस मामले का खुलासा करने का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI को दे दी. ममता बनर्जी ने केंद्रीय जांच एजेंसी को ही रविवार तक का अल्टीमेटम देकर इस मामले में दोषियों को फांसी देने के लिए मार्च निकालने का ऐलान कर दिया. सीबीआई की जांच शुरू हुई तो ममता ने बंगाल में बांग्लादेश जैसा हश्र करने की साजिश रचने का आरोप लगा दिया. जब भाजपा ने प्रदर्शन शुरू किए तो टीएमसी ने एक बार फिर इसे सरकार के खिलाफ साजिश करार दिया.
आखिर कैसे इस मामले में चौतरफा घिर रही हैं ममता ?
1- CBI की जांच :ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर केस लेकर सीबीआई भी जांच कर रही है. अब तक सीबीआई आरजीकर के पूर्व प्रिंसिपल से कई घंटे की पूछताछ कर चुकी है, इसके अलावा पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ट व फोरेंसिक विभाग के प्रमुख देवाशीष से भी लंबी पूछताछ की गई है. हाल ही में इस मामले को लेकर सीबीआई ने 15 से अधिक ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इसके बाद डॉ. घोष पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. जांच एजेंसी संदीप घोष, आरोपी और अन्य का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कर चुकी है. अब तक जांच में जो सामने आया है, उसके हिसाब से घोष टेंडरों में पक्षपात करते थे, मेडिकल कचरे की अवैध बिक्री होती थी और रुपये लेकर पास करने का एक नेक्सस भी चलता था. माना जा रहा है कि इस मामले में सीबीआई के हाथ में कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो डॉ. संदीप घोष समेत कई के लिए मुश्किल बन सकते हैं.
2- विपक्ष का करारा प्रहार : आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने सामने हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले बीजेपी ने 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल महिला आयोग पर ताला लगाने और 29 अगस्त को सभी जिलों में डीएम कार्यालय के बाद प्रदर्शन की तैयारी की थी. अब नवन्ना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद बंगाल बंद का आह्वान किया गया है. खास बात ये है कि भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन से बंगाल की आम जनता और छात्रों के गुट भी लगातार जुड़ते जा रहे हैं.
3- जनता का गुस्सा : ट्रेनी डॉक्टर की बेटी को न्याय दिलाने के लिए मंगलवार को हावड़ा में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. इसे नबन्ना अभियान का नाम दिया गया. नवन्ना राज्य सचिवालय की इमारत का नाम है. कोलकाता पुलिस ने इस विरोध में शामिल आंदोलनकारियों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया. आंसू गैस के गोले छोड़े, वाटर कैनन की बौछार की गई. हालांकि प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे. पुलिस पर भी पथराव किया गया. इस विरोध प्रदर्शन की योजना एक छात्र संगठन ने बनाई थी. हालांकि बंगाल सरकार ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी. इसके बावजूद छात्रों और आम लोगों ने न सिर्फ प्रदर्शन किया बल्कि ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग भी की. ऐसा पहली बार नहीं है जब जनता में सरकार के प्रति गुस्सा दिखा हो. इससे पहले भी लोगों ने गुस्से में मेडिकल कॉलेज में तोड़ फोड़ की थी.

प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पानी की बौछार. (फोटो-पीटीआई)
4- अब ED की एंट्री : सीबीआई, विपक्ष और जनता के गुस्से का सामना कर रही कोलकाता सरकार की मुश्किल अब ED बढ़ाएगी. दरअसल कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियममताओं के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने केस दर्ज कर लिया है. यह कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर के आधार पर की गई है. बताया जा रहा है कि जांच के दौरान सीबीआई के हाथ में ऐसे कई दस्तावेज लगे हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग की तरफ इशारा कर रहे हैं. इसमें भी मुख्य आरोपी संदीप घोष को ही बनाया गया है. अन्य नाम भी वही हैं जो सीबीआई की एफआईआर में शामिल किए गए हैं.
महिलाएं और ममता के मन का डर
कोलकाता रेप केस ऐसा मामला है, जिसे लेकर ममता बनर्जी के मन में भी डर है. दरअसल बंगाल में यह ऐसा पहला मामला है, जिसका सभी दल के नेता एक स्वर में विरोध कर रहे हैं. बीजेपी ही नहीं कांग्रेस और सीपीएल भी इस मामले को लेकर नाराजगी जता चुकी हैं. मामला महिलाओं से जुड़े होने की वजह से ममता ज्यादा आशंकित हैं. दरअसल बंगाल में ममता ने महिला अपराध के खिलाफ ही मोर्चा खोलकर तीन दशक पुराने लाल दुर्ग को ढ़हाया था. इसीलिए ममता की बड़ी ताकत और पार्टी का कोर वोटर महिलाएं ही मानी जाती हैं.

कोलकाता में डॉक्टर के रेप और हत्या के विरोध में नर्सों का मार्च.
सरकार की साख पर सवाल
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की घटना ममता सरकार की साख पर एक बड़ा सवाल बन गई है. मंगलवार को नबन्ना अभियान में शामिल लोगों पर लाठी चार्ज के बाद सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा और भड़क गया है. इस मामले को लेकर ममता बनर्जी से लगातार इस्तीफे की मांग की जा रही है. बीजेपी इस मौके को हाथ नहीं जाने देना चाहती. यही कारण है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, बंगाल सरकार पर आरजीकर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को बचाने के आरेाप लग रहे हैं और ममता सरकार का इस्तीफा मांगा जा रहा है.
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