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कीर्ति तोरण, विरासत और विकास… कर्तव्य पथ पर गुजरात की झांकी ने किया मंत्रमुग्ध

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Jan 26, 2025    150815 views     Online Now 266
कीर्ति तोरण, विरासत और विकास... कर्तव्य पथ पर गुजरात की झांकी ने किया मंत्रमुग्ध

गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित की गई गुजरात की झांकी

देश के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कर्तव्य पथ पर गुजरात की ओर से झांकी प्रदर्शित की गई. यह झांकी स्वर्णिम भारत:विरासत और विकास की थीम पर आधारित रही. आनर्तपुर से एकता नगर तक, विरासत से विकास के संगम ने कर्तव्य पथ पर मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस झांकी के साथ ‘मणियारा रास’ की ताल पर झूमते कलाकारों ने भी हर किसी को रोमांचित कर दिया.

गुजरात की ओर से प्रस्तुत की गई झांकी ने सही मायनों में न केवल राज्य. बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर और विकास के अभूतपूर्व संमिश्रण को अत्यंत प्रभावशाली तरीके से साकार किया. गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर यानी आनर्तपुर के सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं सदी का अजूबा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राज्य की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करती विभिन्न विकास परियोजनाओं का प्रभावशाली रूस से दिखाया गया था.

कीर्ति तोरण को भी दर्शाया गया

राज्य की झांकी के अगले हिस्से में सोलंकी काल में निर्मित वडनगर स्थित 12वीं सदी का गुजरात का सांस्कृतिक प्रवेशद्वार कहा जाने वाला ‘कीर्ति तोरण’ जबकि अंत में 21वीं सदी की शान, 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दर्शाया गया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इन दोनों विरासतों के बीच गुजरात में रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत गुजरात की विभिन्न परियोजनाओं को दर्शाया गया था.

Pm Modi Meets Gujrat Tableau Maker

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के प्रतीक के रूप में साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाला ‘अटल ब्रिज’, द्वारका और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले अंडर वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों के साथ मिट्टी और शीशे से बनी कच्छी कलाकृतियों ने इस झांकी को चार चांद लगा दिए. झांकी के अगले हिस्से में यूनेस्को की हेरिटेज साइट में शामिल आनर्तपुर यानी मौजूदा वडनगर शहर में स्थित 12वीं सदी का सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ और नीचे के हिस्से में मिट्टी और शीशे से निर्मित कच्छी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया.

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी दर्शाया गया

झांकी के अंतिम हिस्से में भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर उन्हें स्मरणांजलि के रूप में 21वीं सदी की शान और देश भर के किसानों से एकत्रित किए गए लोहे से निर्मित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को दर्शाया गया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसके नीचे के हिस्से में जगत मंदिर द्वारका की पवित्र भूमि और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले अंडर वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया.

दो दिन पहले पीएम ने की थी मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी ‘पीएम एट होम’ कार्यक्रम के अंतर्गत लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर गणतंत्र दिवस परेड के हिस्से के रूप में गुजरात के झांकी से जुड़े कलाकारों और अधिकारियों के साथ-साथ अन्य राज्यों के कलाकारों के साथ मुलाकात कर उनके साथ बातचीत की. इसके बाद भारत की समृद्ध संस्कृति एवं विविधता को प्रदर्शित करने वाले जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे.

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