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अमित पांडेय, खैरागढ़। जिले के गुमानपुर गांव में बीते दिनों हुए अंधे कत्ल की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है. 55 वर्षीय पुनीता सिन्हा की निर्मम हत्या के पीछे कोई और नहीं, बल्कि उसका पड़ोसी सेवक राम खेलवार (45 वर्ष) निकला. लूट की साजिश रचने वाला यह आरोपी पकड़े जाने के डर से इस हद तक गया कि उसने बेदर्दी से पुनीता की हत्या कर दी. पुलिस ने जब इस वारदात का खुलासा किया, तो इससे पूरा गांव सकते में है.
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यह है पूरा मामला
हत्या की यह वारदात 7 फरवरी 2025 की शाम करीब 7 बजे की है। पुनीता सिन्हा अपने घर लौट रही थीं. उसी दौरान आरोपी सेवक राम खेलवार, जो पहले से ही लूट की साजिश रच चुका था, उन्हें रास्ते में मिला. उसने चालाकी से पुनीता को यह कहकर अपनी बाइक पर बैठा लिया कि उनका बेटा प्रकाश सिन्हा ग्राम गुमानपुर खार में फंसा हुआ है और कुछ लोग उससे पैसों की मांग कर रहे हैं. घबराई हुई पुनीता आरोपी की बातों में आ गईं और उसके साथ चल पड़ीं.
गुमानपुर खार पहुंचते ही आरोपी ने अपनी असली मंशा जाहिर कर दी. सुनसान जगह देखकर उसने पुनीता को धक्का देकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और वे अचेत हो गईं. इसके बाद, गहने लूटने के इरादे से उसने उनकी साड़ी का फंदा बनाकर गला घोंट दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
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सबूत मिटाने की कोशिश, लेकिन पुलिस के हाथों चढ़ा आरोपी
हत्या के बाद सेवक राम खेलवार ने पुनीता के कानों से सोने की पीपल पत्ती, मंगलसूत्र का लॉकेट, चांदी की एठी समेत सभी गहने उतार लिए और फरार हो गया. पुलिस से बचने के लिए वह अगले दिन ग्राम शेरगढ़ पहुंचा और अपनी मोटरसाइकिल वहीं छोड़कर छिप गया. लूटे गए गहनों को उसने सोनभठ्ठा के एक नाले के पास छिपा दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल (भापुसे) ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, थाना प्रभारी आलोक साहू और साइबर सेल प्रभारी अनिल शर्मा की टीम ने जांच शुरू की. आधुनिक तकनीकों की मदद से पुलिस ने आखिरकार आरोपी को ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान सेवक राम खेलवार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने लूटे गए गहने और घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद कर ली. आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1), 238, 311, 66 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.