विजयेंद्र और सुधाकर.
कर्नाटक बीजेपी में घमासान अब खुलकर सामने आ गया है. प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र के खिलाफ यतनाल, रमेश जराकीहोली और श्रीरामुलु के बाद अब चिक्कबल्लापुर के सांसद डॉ केके सुधाकर ने विजयेंद्र पर खुला हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि कि प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने चिक्कबल्लापुर जिला अध्यक्ष की नियुक्ति में एकतरफा फैसला लिया है.
चिक्कबल्लापुर के सांसद केके सुधाकर ने विजयेंद्र के इस कदम की आलोचना की है. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अपने साथ हो रहे व्यवहार पर भी नाराजगी व्यक्त की और विजयेंद्र को नेतृत्व में कोलार और चिक्कबल्लापुर में एक सीट जीतने की खुली चुनौती दी.
संदीप के चिक्कबल्लापुर बीजेपी जिला अध्यक्ष चुने जाने से नाराज सुधाकर ने बुधवार को बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विजयेंद्र के खिलाफ खुलकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि जिसे चाहा उसे अध्यक्ष, प्रदेश सचिव, प्रदेश महासचिव, प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया.
चिक्कबल्लापुर जिलाध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर खफा
उन्होंने कहा कि चिक्काबल्लापुर जिला अध्यक्ष की घोषणा बिना चुनाव के कर दी गई है. मेरे जिले में तानाशाही की जा रही है और केवल ‘जी-हुजूरी करने वाले’ ही नियुक्त किए गए हैं. मैंने कभी भी पार्टी के मामलों को मीडिया से साझा नहीं किया, लेकिन आज मैं बहुत आहत हूं. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र मेरा राजनीतिक करियर खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विजयेंद्र किसी पर भरोसा नहीं करते हैं. उनके कार्यों से अहंकार झलकता है. चिक्काबल्लापुर जिला अध्यक्ष के चयन के संबंध में प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने मुझसे शिष्टाचारपूर्ण चर्चा भी नहीं की, जब मैंने फोन किया, तब भी विजयेंद्र ने जवाब नहीं दिया. दो दिन बाद उन्होंने कहा कि वे बात करेंगे.
उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा विजयेंद्र की निजी संपत्ति है? क्या आप यह तानाशाही रवैया दिखाएंगे? सुधाकर ने विजयेंद्र को चुनौती देते हुए कहा कि अगर आपमें दम है तो कोलार और चिक्काबल्लापुर में जीतकर दिखाएं.
उन्होंने कहा कि विजयेंद्र के बारे में मैं आलाकमान के नेताओं से मिलकर उन्हें कर्नाटक में हो रही घटनाओं से अवगत कराऊंगा. मैं पार्टी के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से बहुत निराश हूं. उन्होंने कहा कि यहां एक परिवार पार्टी चला रहा है और तानाशाही तरीके से इसे चलाया जा रहा है. आलाकमान को इस पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो यहां पार्टी का भविष्य बहुत अंधकारमय है.
सुधाकर ने दी पार्टी छोड़ने की चेतावनी
उन्होंने कहा कि हमसे सिर्फ इसलिए नफरत है, क्योंकि हमने बसवराज बोम्मई के साथ अच्छा काम किया? विजयेंद्र हो सकते हैं येदियुरप्पा के बेटे! लेकिन उनकी तुलना उनसे नहीं की जा सकती. उनकी नफरत की राजनीति है. हमारे पास राजनीतिक ताकत भी है. उन्होंने परोक्ष रूप से पार्टी छोड़ने की चेतावनी दी क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि विस्फोट कब होगा.
उन्होंने कहा कि उनके व्यवहार से पार्टी खत्म हो रही है. मुझे उनके रवैये, अहंकार और मानसिकता से घृणा है. मैं वरिष्ठों से कहूंगा कि वे अपना रवैया बदलें या बदलाव लाएं. मुझे कई बार पार्टियों में बुलाया गया, मैं नहीं गया. इसका मतलब यह नहीं है कि वह जो कह रहा है वह गलत है, वो हमारी शराफत को कमजोरी समझते हैं. हम अपनी ताकत दिखाएंगे. मैंने सभी नेताओं से भी बात की है.
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