
रमेश चंद्र तिवारी (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में बहुचर्चित ज्योतिषि हत्याकांड के दोषियों को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद, गांव में आतिशबाजी करते हुए डीजे बजाकर हुड़दंग मचाने और पीड़ित को धमकी देने का मामला सामने आया है. इस संबंध में शिकायत मिलने पर पुलिस ने केस दर्ज किया है. आरोपियों के जश्न का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो खुद आरोपियों ने ही धौंस जमाने के लिए सोशल मीडिया में डाला है.
दरअसल, सरपतहां थाना क्षेत्र के ऊंचगांव निवासी प्रख्यात ज्योतिषि और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव के गुरु रहे रमेश चंद्र तिवारी की 15 नवंबर 2012 को हत्या हुई थी. हत्यारोपी पुलिस की वर्दी में बाइक पर सवार होकर आए और उनके घर में घुसकर फिल्मी अंदाज में गोली मारी थी. वारदात को अंजाम देने से पहले बदमाशों ने रमेश तिवारी के पैर भी छूए थे.इस हत्याकांड से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी.
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि यह मामला आपसी रंजिश और वर्चस्व को लेकर अंजाम दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने रमेश तिवारी केबड़े भाई उमेश चंद्र तिवारी की शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. बाद में पुलिस ने कुल 14 आरोपियों को नामजद करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी.
इस हत्याकांड में शूटर विपुल सिंह, हत्या के मुख्य साजिशकर्ता धीरेंद्र सिंह, झारखंडे सिंह, सूबेदार सिंह, कौशल किशोर सिंह, विजय बहादुर सिंह, वीरेंद्र बहादुर सिंह, लाल शंकर उपाध्याय, अमित उर्फ पंडित, अरविंद, शैलेंद्र, तन्नू सिंह, और अमरजीत सिंह का नाम सामने आया था. इनमें से आरोपी झारखंडे सिंह की मृत्यु हो चुकी है, जबकि शूटर शेर बहादुर सिंह को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया था. शेष सभी 12 आरोपियों को दोषी पाए जाने पर कुछ महीनों पहले जौनपुर की अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रूपाली सक्सेना ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
डीजे बजाया, आतिशबाजी की, औकात दिखाने की धमकी दी
उम्रकैद की सजा मिलने के बाद आरोपियों के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने 12 दोषियों में से 11 को जमानत दे दी. आरोप है कि जमानत मिलने के बाद दोषी बीरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ दाढ़ी के बेटे अनुपम सिंह उर्फ सोनू और कुछ अज्ञात लोगों ने गांव में आतिशबाजी की और डीजे बजाकर जमकर हुड़दंग मचाया.
इतना ही नहीं, आरोपियों ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खुद वायरल किया. आरोप है कि जमानत मिलने के बाद पीड़ित और उसके परिवार को औकात दिखाने की धमकी दी गई. धमकी मिलने के बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
केस नहीं दर्ज करने का आरोप
गांव में आतिशबाजी और हुड़दंग पर पीड़ित उमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि उन्होंने उसी रात क्षेत्राधिकारी शाहगंज अजीत सिंह चौहान को फोन करके शिकायत की थी. क्षेत्राधिकारी के निर्देश पर सरपतहां पुलिस ने जाकर डीजे और आतिशबाजी बंद करवाई थी.
उमेश चंद्र तिवारी ने आगे बताया कि धमकी मिलने के बाद 20 जनवरी को पीड़ित ने पुलिस से लिखित शिकायत की, लेकिन सरपतहां पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद उच्चाधिकारियों से शिकायत कर पीड़ित ने जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई. उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने करीब दो सप्ताह बाद केस दर्ज किया.
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