पुलिस की गिरफ्त में आरोपी शख्स
जोधपुर के बोरानाडा थाना क्षेत्र में रविवार को सामने आए डबल मर्डर केस की गुत्थी पुलिस ने महज 12 घंटे के अंदर ही सुलझा ली है. अपने ही बिजनेस पार्टनर के 8 साल के बेटे और 12 साल की बेटी को फंसी के फंदे पर लटका कर मारने वाले फलोदी निवासी मुकुंद थानवी उर्फ श्याम सिंह भाटी को पुलिस ने नाथद्वारा से गिरफ्तार किया है. हत्या के बाद वह पाली जाकर एक होटल में रहा था फिर वहां से नाथद्वारा चला गया. जांच में सामने आया है कि महज 60,000 रुपए की उधारी के चलते मुकुंद थानवी ने यह खौफनाक कदम उठाया और अपने बिजनेस पार्टनर प्रदीप के दोनों बच्चों को मौत के घाट उतार दिया.
बोरानाडा के रहने वाले प्रदीप पाल ने 24 जनवरी को अपने बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी. प्रदीप ने पुलिस को बताया कि उसके बच्चे सुबह स्कूल के लिए घर से निकले थे. उसके बाद जब वह फैक्ट्री के लिए निकले तो फैक्ट्री के चौकीदार ने बताया कि श्याम सिंह भाटी उनके दोनों बच्चों तमन्ना और शिवपाल को स्कूल ले जाने के बहाने अपने साथ लेकर गया है. जब स्कूल में पूछताछ की गई तो बच्चे स्कूल में नहीं मिले. उन्हें पता चला कि बच्चे स्कूल पहुंचे ही नहीं थे.
प्रदीप ने इसके बाद पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और बच्चों के साथ श्याम सिंह भाटी की तलाश शुरू कर दी. पास में ही श्याम सिंह की फैक्ट्री मौजूद थी. पुलिस जब वहां पहुंची तो फैक्ट्री पर ताला लगा हुआ था. इसके बाद पुलिस ने ताला तोड़ा और अंदर देखा तो सभी की रूह कांप गई. अंदर दोनों बच्चों के शव फंदे से झूल रहे थे. इसके साथ एक नोट भी मिला है जिसमें अपने बिजनेस पार्टनर प्रदीप द्वारा बिजनेस में धोखा देने की बात कही गई थी.
घटना सामने आने के बाद से ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम का गठन किया और आसपास के क्षेत्र के लोगों से पूछताछ करते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगाले. महज 12 घंटे के अंदर ही श्याम सिंह भाटी को नाथद्वारा से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
15 साल पुरानी थी पहचान
पुलिस ने बताया कि 15 साल से ज्यादा समय से दोनों एक साथ एक फैक्ट्री में काम करते थे. उन्होंने एक साथ बिजनेस खोलने का फैसला किया था. श्याम सिंह भाटी ने बिजनेस शुरू करने के लिए पैसा लगाया था. काम शुरू करने के बाद प्रदीप ने बीच में ही काम छोड़ दिया था. इसके बाद उसने पुरानी फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया था. ऐसे में दोनों के बीच अनबन हो गई थी. प्रदीप के परिवार और श्याम सिंह के बीच घरेलू संबंध थे. प्रदीप के बच्चे श्याम सिंह को दादा कहकर बुलाते थे. प्रदीप जब काम छोड़कर गया तो श्याम सिंह को गहरा धक्का लगा. बदले की भावना में श्याम सिंह ने दोनों बच्चों को मारने की साजिश रच डाली.
साथ छोड़ने से हुआ आहत
पुलिस जांच में सामने आया है कि प्रदीप और श्याम सिंह के बीच महज 50 से 60 हजार रुपये की देनदारी थी. प्रदीप और उसका परिवार उत्तर प्रदेश के रायबरेली का रहने वाला है. 15 साल पहले जब वह जोधपुर आया था तब से श्याम सिंह ने उसकी मदद की. उसके बच्चों को उसने ही पाला था. ऐसे में जब प्रदीप उसका साथ छोड़ कर गया तो वह आहत हो गया. उसी का बदला लेने के लिए उसने प्रदीप के दोनों बच्चों को फांसी पर लटका दिया.
बच्चों को मारने से पहले आरोपी ने क्या कहा?
डीसीपी राजर्षि राज ने बताया कि प्रदीप के दोनों बच्चे तमन्ना और शिवपाल, श्याम सिंह को दादा कहकर ही बुलाते थे. जब वह दोनों बच्चों को फैक्ट्री में लेकर गया और मारने लगा तो बच्चों ने उनसे पूछा कि पापा की गलती की सजा हमें क्यों दे रहे हो? ऐसे में श्याम सिंह ने कहा कि अगर तुम्हारे पिता को मारूंगा तो तुम अनाथ होगे, लेकिन अगर तुम दोनों को मारूंगा तो तुम्हारे माता-पिता को हमेशा इस बात का एहसास रहेगा कि उन्होंने मेरे साथ धोखा करके कितनी बड़ी गलती की है.
आरोपी श्याम सिंह भाटी फर्जी आईडी बनाकर अपनी पहचान छुपा कर जोधपुर रहता था. 20 साल पहले फलोदी जिले के रहने वाले मुकुंद थानवी को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था. ऐसे में वह जोधपुर आया और वह नकली पहचान बनाकर श्याम सिंह भाटी के नाम से यहां रहने लगा. आसपास के लोगों में उसका अच्छा रुतबा था. सभी लोग उसे ‘दाता’ कहकर बुलाते थे.
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