![Janaki jayanti 2025: जानकी जयंती पर करें इस स्रोत और स्तुति का पाठ, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान! Janaki jayanti 2025: जानकी जयंती पर करें इस स्रोत और स्तुति का पाठ, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान!](https://achchhikhabar.in/wp-content/uploads/2025/02/sita-stotra-and-stuti-to-get-early-married.jpg)
जानकी जयंती पर करें इस स्रोत और स्तुति का पाठ, विवाह के बनेंगे योग!
Mata Sita stotra and stuti: जनकी जयती का हिंदू धर्म में खास महत्व है. इसे सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर राजा जनक को सीता जी की प्राप्ति हुई थी और उन्होंने सीता जी को अपनी संतान के रूप में स्वीकार किया था. कहते हैं इस दिन माता सीता के साथ प्रभु श्रीराम की पूजा तथा व्रत का पालन करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. साथ ही इस दिन पूजा के दौरान इस स्रोत का पाठ करने परिवार में सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.
कब है जानकी जयंती? | Janaki Jayanti 2025 Date
वैदिक पंचांग के अनुसार, जानकी जयंती यानी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत गुरुवार 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर होगी. वही तिथि का समापन 21 जनवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा. ऐसा में जानकी जयंती का 21 फरवरी गुरुवार को मनाई जाएगी.
ये भी पढ़ें:- होली कब है? जानें सही तिथि और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
जानकी स्तोत्र | Janki Stotra
नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम्।
शुद्धिमिद्धदहने प्रदित्सतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।
रामपाद-विनिवेशितेक्षणामङ्ग-कान्तिपरिभूत-हाटकाम्।
ताटकारि-परुषोक्ति-विक्लवां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
कुन्तलाकुल-कपोलमाननं, राहुवक्त्रग-सुधाकरद्युतिम्।
वाससा पिदधतीं हियाकुलां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
कायवाङ्मनसगं यदि व्यधां स्वप्नजागृतिषु राघवेतरम्।
तद्दहाङ्गमिति पावकं यतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
इन्द्ररुद्र-धनदाम्बुपालकै: सद्विमान-गणमास्थितैर्दिवि।
पुष्पवर्ष-मनुसंस्तुताङ्घ्रिकां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
संचयैर्दिविषदां विमानगैर्विस्मयाकुल-मनोऽभिवीक्षिताम्।
तेजसा पिदधतीं सदा दिशो भावये मनसि रामवल्लभाम्।।
।।इति जानकीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।
श्री जानकी स्तुति: |Janki Stuti
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।।1।।
दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम्।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम्।।2।।
भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम्।
पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम्।।3।।
पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम्।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम्।।4।।
आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम्।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम्।।5।।
नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम्।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम्।।6।।
पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्ष:स्थलालयाम्।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम्।।7।।
आह्लादरूपिणीं सिद्धिं शिवां शिवकरीं सतीम्।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम्।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा।।8।।
जानकी जयंती का महत्व | Janaki Jayanti Mahatva
हिंदू धर्म में माता सीता को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. इस दिन माता सीता की पूजा करके मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है. इस दिन लोग पूरे दिन व्रत भी रखते हैं. साथ ही माता सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा करते हैं. जानकी जयंती का व्रत करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
ये भी पढ़ें:- कब और कहां लगेगा अगला महाकुंभ? जान लें महत्व और इतिहास
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login