
सांसद आगा सैय्यद रूहुल्लाह मेहदी
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैय्यद रूहुल्लाह मेहदी मुश्किल में फंस गए हैं. उनके और उनके करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ जमीन के लिए फर्जी भुगतान और राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है. केंद्र शासित प्रदेश के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. वहीं अब इस मामले पर सांसद का बयान सामने आया है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है.
श्रीनगर सीट से लोकसभा सांसद आगा रूहुल्लाह ने बडगाम में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा ‘यहां प्रशासन 1 अप्रैल का मजाक 13 अप्रैल को भी करना चाहता है. कल से ही यह भावना पैदा हो गई है कि मैं जमीन हड़पने के बड़े घोटाले में शामिल हूं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह मामला सच नहीं है और न ही इसमें मेरी कोई संलिप्तता है. मैं लोगों के संदेह दूर करना चाहता हूं क्योंकि मैं उनके प्रति जवाबदेह हूं’.
’20 सालों तक एजेंसियां कहां थीं…’
सांसद ने आगे कहा कि उन्हें इस बारे में तब पता चला जब एसीबी ने आरोप पत्र दाखिल किया. उन्होंने सवाल किया कि अगर पिछले 20 सालों में ऐसा कोई अपराध हुआ है तो एजेंसियां कहां थीं न ही मुझे कोई नोटिस दिया गया. आगा रूहुल्लाह ने बताया कि ’20 साल पहले सरकार ने पुनर्वास किया था, यह खास जमीन बेमिना और दुर्बल (बडगाम) के लोगों के पास थी. मेरे दादा के पास कुछ जमीन थी और उन्हें उसी हिसाब से मुआवजा दिया गया था.
उन्होंने आगे बताया ‘मैं उस पीढ़ी का तीसरा व्यक्ति हूं. मुझे यह जमीन मेरे पिता से और उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी. उस समय उसी हिसाब से मुआवजा दिया गया था. उस समय लोगों ने विरोध किया था क्योंकि जमीन दस्तावेजों में दर्ज जमीन से ज्यादा थी.जमीन लेवी पर थी. उस समय प्रदर्शनकारियों ने कब्जे के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की थी और सरकार ने उस समय यह मांग स्वीकार कर ली थी. उस समय शायद मेरे दादा को भी उनके कब्जे वाली जमीन के लिए उसी हिसाब से मुआवजा मिला था जिसे बाद में मेरे पिता के साथ बांट दिया गया था.
‘NIA से जांच कराएं और हर विवरण को सार्वजनिक करें’
सांसद ने बताया ‘जो जमीन बांटी जानी थी वह अभी तक नहीं बंटी है सिर्फ हमने अपनी जमीन पर घर बनाए हैं, जमीन के संरक्षक अभी भी मेरे दादा के बड़े बेटे हैं जो कि मेरे चाचा हैं. मेरे पास स्पष्ट आंकड़े भी नहीं हैं क्योंकि मेरे चाचा उस जमीन का सौदा करते हैं. हमने अभी भी आधी जमीन का मुआवजा दिया है जो हमारे कब्जे में थी. यह करीब 80-90 कनाल थी और हमें करीब 40 कनाल का ही मुआवजा मिला है.
आगा रूहुल्लाह ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कुछ है तो एसीबी नहीं, बल्कि इस मामले की जांच के लिए एनआईए को बुलाएं और जांच के दौरान हर विवरण को सार्वजनिक करें.
रूहुल्लाह पर आरोप
दरअसल ACB रूहुल्लाह और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ जमीन के लिए फर्जी भुगतान और राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने के सालों पुराने मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है. ACB के बयान के मुताबिक रूहुल्लाह और उनके 5 रिश्तेदार, 6 रिटायर सरकारी कर्मचारी, 9 स्थानीय लोग जिनमें एक मृत भी शामिल है, ने बडगाम जिले के राख-ए-अर्थ में जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करके 38.20 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा लेने की साजिश रची, जिससे राज्य के खजाने को नुकसान हुआ.
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