फिलिस्तीन के 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए
पिछले साल अक्टूबर महीने में शुरू हुई इजराइल और हमास की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक तरफ अमेरिका, मिस्र और कतर जैसे देश इजराइल और हमास के बीच समझौते के लिए बैठक कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इजराइली सेना ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें छह बंधकों के शव बरामद करने के अभियान को दिखाया गया है. इजराइली सेना ने 20 अगस्त को कहा कि उसने रात भर के ऑपरेशन के दौरान गाजा में युद्ध शुरू करने वाले हमास के 7 अक्टूबर के हमले में मारे गए छह बंधकों के शव बरामद कर लिए हैं.
बंधकों की पहचान यागेव बुचशताब, एलेक्जेंडर डैन्सीग, अव्राहम मुंडेर, योरम मेट्जगर, नदाव पॉपलवेल और हैम पेरी के रूप में की. हालांकि इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि उनकी मृत्यु कब और कैसे हुई. इजराइल की सेना की ओर से जारी किए गए फुटेज में सैनिकों को एक बड़ी सुरंग में एंट्री करते हुए दिखाया गया है. यह रिकवरी तब हुई जब संयुक्त राज्य अमेरिका, मिस्र और कतर इजराइल और हमास के बीच एक संघर्ष विराम समझौते में मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें कई बंधकों की रिहाई होगी.
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During the operation to rescue the bodies of 6 Israeli hostages, the forces located a tunnel shaft about 10 meters deep leading to an underground tunnel route. The soldiers investigated the route and neutralized the blast doors, weapons, explosives and hideouts used by the pic.twitter.com/qcbA1FQlkn
— Israel Defense Forces (@IDF) August 20, 2024
40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत
माना जाता है कि हमास ने अभी भी 7 अक्टूबर के हमले में पकड़े गए लगभग 110 बंधकों को रखा हुआ है. हालांकि इजराइली अधिकारियों अनुमान लगा रही है कि उनमें से लगभग एक तिहाई लोग मर चुके हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के जवाबी हमले में 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जो यह नहीं बताता है कि कितने आतंकवादी थे.
हमास के लिए झटका
बंधक बनाए गए लोगों के परिवार वालों का कहना है कि जब उन्हें बंधक बनाया गया था. तब वो जिंदा थे लेकिन दूसरी ओर हमास की ओर से कहा गया है कि इजराइल के हमले में पहले ही कुछ बंधक जख्मी हो गए थे. अब बंधकों के शवों के बरामद होने से जहां इजराइल को कामयाबी मिली है, तो वहीं हमास के लिए एक झटका माना जा रहा है, क्योंकि ये बंधक हमास के फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का जरिया थे.
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